सबक ले सरकार-3 माह से टूटा था पुलिया, रास्ता था बंद, सरकार ने नहीं ली सुध तो समाजसेवी ने की पहल, मिट्टी और जेसीबी से 3000 खर्च में 3 घण्टे में बन गया रास्ता
बालोद। गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम सिर्राभांठा में पसौद जाने के मार्ग पर लगभग 3 से 4 माह से गड्ढा था। बरसात में पुल का आधे से ज्यादा हिस्सा बह गया था। इससे रास्ता ही बंद हो गया था। कई बार शासन प्रशासन द्वारा मांग किए जाने के बाद भी संबंधित अधिकारी इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहे थे। जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित था। तो वहीं रात में आना-जाना पूरा बंद हो जाता था।
इस समस्या को देखते हुए गांव के समाजसेवी राजेश कुमार सिन्हा ने खुद ही हल करने का बीड़ा उठाया और जेसीबी व मिट्टी मंगवा कर इस समस्या का समाधान कर दिया। महज ₹3000 खर्च में रास्ता फिर से तैयार हो गया और लोग अब यहां से आना-जाना कर पा रहे हैं। यह विडंबना ही है कि शासन-प्रशासन जहां विकास के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने की बात करती है, वहां 3 माह से यह टूटा हुआ पुल विकास के नाम का मुंह चिढ़ा रहा था। शासन प्रशासन की अनदेखी से ग्रामीण खफा थे। वहीं समाजसेवी की इस पहल से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। अब लोग आसानी से आना-जाना कर सकेंगे।
3 घंटे में दूर हुई समस्या
बता दें कि इस पुल की मरम्मत व रास्ते को बनाने में महज दो से 3 घंटे ही लगे। जो कि शासन-प्रशासन के इंतजार में 2 से 3 माह से ज्यादा बीत चुके हैं, पर समस्या बरकरार थी। लेकिन समाजसेवी ने इस समस्या को दूर करने का बीड़ा उठाया और अंततः 2 से 3 घंटे के भीतर रास्ता बनवा दिया और अब इससे लोग आना जाना भी शुरू कर दिए हैं। ज्ञात हो कि पहले रास्ता बंद होने से लोगों को दूसरे रास्ते से घूम कर जाना पड़ता था। या फिर साइड के रास्ते से दलदल पार करके आना-जाना करना पड़ता था। पर अब रास्ता बन जाने से लोगों को एक बड़ी राहत मिलने लगी है।