सांसद प्रतिनिधि व पूर्व जनपद अध्यक्ष दयानंद साहू के नाम से भी जिला पंचायत बालोद में पहुंच गया फर्जी शिकायत पत्र, अब क्या है मामला पढ़िए ये खबर?


बालोद। जनपद पंचायत बालोद में वाहन ड्यूटी के कोटेशन में भ्रष्टाचार की शिकायत से संबंधित एक और फर्जी आवेदन जिला पंचायत प्रशासन के पास पहुंचा है। इस बार तो अज्ञात व्यक्ति ने हद ही की है। उस व्यक्ति ने जनपद के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सांसद प्रतिनिधि दयानंद साहू के नाम से ही आवेदन दे दिया है। इसकी खबर लगने के बाद दयानंद साहू भी थाने में एफआईआर की तैयारी कर रहे हैं। इनके आवेदन में भी हुबहू पड़कीभाट के रहने वाले सांसद प्रतिनिधि अश्वन बारले की तरह ही बातें लिखते हुए जनपद के वाहन कोटेशन में गड़बड़ी की शिकायत की गई है। इस मामले के सामने आने के बाद पूर्व जनपद अध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि दयानंद साहू ने कहा कि यह किसी की गंभीर शरारत है। जो हमारी छवि को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। हमने कोई आवेदन नहीं दिया है। यह हस्ताक्षर भी हमारा नहीं है। जिला पंचायत प्रशासन को इसकी गंभीरता से जांच करनी चाहिए कि आखिर कौन व्यक्ति इस तरह से दूसरे के नाम से शिकायती आवेदन देकर जा रहा है। अब तो ऐसा है कि कोई भी किसी के भी नाम से फर्जी शिकायत भी कहीं पर भी लगा सकता है। तो वही सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर जिला पंचायत प्रशासन के आवक जावक शाखा में इस तरह से संबंधित व्यक्ति द्वारा ना आने के बाद भी दूसरे के द्वारा दिए गए आवेदन को भी क्यों स्वीकार किया जा रहा है। अगर काउंटर पर ही संबंधित व्यक्ति की पहचान पत्र मांगी जाए जिसका नाम आवेदक में है तो ऐसे शरारती तत्वों का खुलासा हो सकता है।
बालोद जिले में फिलहाल इस तरह का यह दूसरा मामला है। लेकिन मामले की रोचकता के चलते जिले में चर्चा का विषय बन गई है। अब तक झूठी शिकायत के बारे में सुने थे लेकिन अब ऐसा हो गया है कि लोगों को पता ही नहीं है कि उनके नाम से भी कोई आवेदक बनकर किसी का भी शिकायत प्रशासन से कर बैठे हैं।
जिन्होंने भरा है कोटेशन उनका ही हो सकता है हाथ
तो वहीं दोनों आवेदन में जनपद में दौरे के लिए लगाया जाने वाले गाड़ी से संबंधित कोटेशन का ही जिक्र है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि यह हरकत उन्हीं व्यक्तियों द्वारा की गई होगी जो कोटेशन फॉर्म भरे होंगे। आवेदन की बातें देखकर यही मंशा प्रतीत हो रही है कि करारोपण अधिकारी सीपी यदु को ही टारगेट कर उनकी छवि को खराब तो किया ही जा रहा है, साथ ही जनपद पंचायत प्रशासन में अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। ताकि अधिनस्थ कर्मचारी जिन्होंने भी इस कोटेशन के लिए फॉर्म भरा है वह विवादों में आ जाए और उनकी उनका कोटेशन अस्वीकार कर दी जाए और फायदा किसी और को मिले।