खबर का हुआ असर- सरकारी स्कूल के फर्नीचर को प्राइवेट होटल में देना पड़ा महंगा, दुधली मिडिल स्कूल का प्रधान पाठक निलंबित
मालीघोरी/ बालोद। दुधली मिडिल स्कूल के फर्नीचर को वहां के प्रधान पाठक द्वारा एक देवांगन होटल के संचालक को घर पर सुरक्षित रखने के लिए दिया गया था। लेकिन उक्त फर्नीचर को होटल संचालक द्वारा अपने होटल में इस्तेमाल किया जा रहा था। यहां तक कि फर्नीचर को काटकर रैक तक बना दिया गया था इस मामले को प्रमुखता से dailybalodnews.com ने उजागर किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इसे त्वरित संज्ञान में लिया और जांच में प्रमुख जिम्मेदारी व जवाबदेही प्रधान पाठक बीसी देशलहरा का पाए जाने के कारण उन्हें शासन ने निलंबित कर दिया। इस संबंध में आदेश भी जारी हो गया है। संभागीय, संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग के द्वारा जारी इस आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला दुधली के प्रधान पाठक बालचंद देशलहरा द्वारा शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल दुधली का फर्नीचर 20 नग टेबल, 21 नग बेंच को ग्राम कलकसा के निजी होटल मालिक को दिया गया है। जिसका उपयोग होटल मालिक के द्वारा अपने होटल में किया जा रहा है।
श्री देशलहरा का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 एवं 9 के विपरीत है। उक्त कृत्य के कारण जिला शिक्षा अधिकारी, जिला बालोद के अनुशंसा के आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम के तहत बाल चंद देशलहरा प्रधान पाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में बालचंद का मुख्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा निर्धारित किया जाता है। इस निलंबन अवधि में उनको नियम अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
क्या है मामला
बता दें कि इस मामले में प्रधान पाठक का यह कहना था कि स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने के कारण जगह के अभाव में उन्होंने फर्नीचर को देवांगन को घर पर सुरक्षित रखने के लिए दिया था। इसका उन्होंने लिखित में भी लिया था कि वह उन्हें सुरक्षा के हिसाब से अपने घर पर रखेगा। लेकिन बाद में पता चला कि देवांगन द्वारा अपने होटल में इस फर्नीचर का उपयोग किया जा रहा है। जब कुछ लोगों की नजर फर्नीचर पर लिखे स्कूल के नाम पर पड़ी तब इसका खुलासा हुआ। खबर प्रकाशन के दूसरे दिन ही फर्नीचर को होटल से हटाकर वापस स्कूल में रखवाया गया था। लेकिन मामले ने तूल पकड़ा और विभागीय जांच हुई और प्रधान पाठक को निलंबन का शिकार होना पड़ गया।