आत्मदाह की चेतावनी का भी नहीं हुआ असर, पुलिस में मामला दर्ज कराने के बजाय जनपद सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ से मांगा मार्गदर्शन
बालोद। गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम पंचायत खेरुद में बीते दिनों मनरेगा में गड़बड़ी का बड़ा मामला उजागर हुआ था। ग्रामीणों ने सूचना के अधिकार सहित अन्य माध्यम से इस भ्रष्टाचार को सामने लाया था। जिसमें जांच हुई तो गड़बड़ी सही भी पाई गई। मामले में जांच दल द्वारा जांच करके रिपोर्ट जिला पंचायत प्रशासन को सौंपी गई। जिसके बाद जो खानगी यानी आर्थिक अनियमितता पाई गई, वह पैसा संबंधित व्यक्तियों से जमा भी करवाया गया। लेकिन इस गड़बड़ी में पुलिस कार्रवाई नहीं की गई। जिसके विरोध में बीते दिनों ग्रामीणों द्वारा लगातार जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर से मांग की जा रही है। वही जनपद पंचायत सीईओ पर आरोप भी लगाया गया है कि वे कार्रवाई में लीपापोती कर रहे हैं। इस मसले पर विगत दिनों खेरुद के ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई ना होने की स्थिति में आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी गई है। इस चेतावनी का भी अब तक कोई असर नहीं हो पाया है और जनपद पंचायत के सीईओ पुलिस में अब तक किसी तरह की मामला दर्ज नहीं करवाया है। तो नई बात ये सामने आ रही है कि जो जनपद सीईओ द्वारा जिला पंचायत सीईओ से इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए मार्गदर्शन मांगा गया है। शिकायतकर्ता ग्रामीणों का कहना है कि कार्रवाई नहीं हुई तो हमने जो चेतावनी दी है, उस हिसाब से हम आगे कदम बढ़ाएंगे। जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
बता दें कि इस मामले में एसडीएम द्वारा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध यथावत दंडात्मक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। जिसको लेकर ही ग्रामीणों द्वारा मांग की जा रही है कि फर्जी तरीके से मस्टररोल में गड़बड़ी करके मनरेगा के तहत राशि निकाली गई है। यहां तक कि लकवाग्रस्त व्यक्ति को भी मजदूर बताकर उनके नाम से हाजिरी चढ़ाई गई है। इस तरह की ढेरों गड़बड़ी मनरेगा में की गई है। जो जांच में भी सही पाया गया है। इस मामले में ग्रामीणों द्वारा पंचायत के सरपंच, रोजगार सहायक,सचिव सहित अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है। ग्रामीण रविंद्र साहू सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा है कि हम अल्टीमेटम दे चुके हैं। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर आत्मदाह करने के लिए विवश होंगे।