मौखिक नही था कबूल-ग्रामीणों की जिद के सामने झुका खदान प्रबंधन, रोजगार के लिखित आश्वासन के बाद स्थगित हुआ चक्का जाम, पढ़िए माइंस का मामला
बालोद। दल्ली राजहरा बीएसपी माइंस के अंतर्गत आने वाले महामाया दुलकी माइंस में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिलाने की मांग को लेकर महामाया के ग्रामीण आंदोलनरत थे। ग्रामीणों द्वारा लगातार खदान प्रबंधन द्वारा उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए रोजगार दिलाने की मांग के साथ 12 दिसंबर को चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई थी। जिसकी वे तैयारी कर रहे थे पर इससे खदान में होने वाले अवरोध को देखते हुए प्रबंधन ने गंभीरता दिखाई व आंदोलन की चेतावनी देने वाले ग्रामीणों की एक बैठक बुलाकर उन्हें मनाने का प्रयास किया गया। अंततः ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे कि हमें मौखिक आश्वासन तो कई बार मिलता आया है कि काम देंगे। लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होती। इसीलिए जब तक लिखित में नहीं दिया जाएगा हम नहीं मानेंगे। फिर क्या था प्रबंधन को अवरोध दूर करने के लिए ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन देना पड़ा। आने वाले दिनों में जब खदान में उत्खनन शुरू होगा तो फिर योग्यता व शासन के निर्देशों के मुताबिक स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देंगे। इस लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम वापस ले लिया ।
दल्लीराजहरा बी एस पी माइंस प्रबंधक द्वारा दल्ली राजहरा बी एस पी कार्यालय में महामाया के ग्रामीणों के समक्ष मीटिंग रखा गया था। जिसमें बीएसपी माइंस प्रबंधक के द्वारा बताया गया कि जो नया लीज चालू होने वाला है वह अभी क्लियर नहीं हुआ है। जैसे क्लियर हो जाएगा सबसे पहले माइंस प्रभावित क्षेत्र महामाया के बेरोजगारों को लिया जायेगा। बी एस पी प्रबंधन द्वारा बताया गया कि 2.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्पादन की एसी इनरोलमेंट क्लीयरेंस क्षमता का बढ़ोतरी होने के पश्चात कार्य प्रारंभ होने पर उस समय प्रचलित ठेके की शर्तों के अनुरूप महामाया के स्थानीय बेरोजगारों को योग्यता के आधार पर एवं प्रशासन के मार्गदर्शन में ठेका कार्य में प्राथमिकता दिया जाएगा और महामाया के बेरोजगारों से अनुरोध किया गया कि भिलाई इस्पात संयंत्र के महामाया एवं दुलकी खदान बिना अवरोध उत्पादन कार्य चलता रहे।इस हेतु सहयोग प्रदान करने माइंस प्रबंधक द्वारा अनुरोध किया गया और यह फैसला सर्वसम्मति से महामाया के ग्रामीणों द्वारा लिया गया और मांग किया गया की हमें लिखित आश्वासन चाहिए। माइंस प्रबंधन द्वारा ग्रामीणो के मांग को रखते हुए लेटर जारी करते हुए लेटर के माध्यम से लिखित में आश्वासन दिया गया।
जिसमें महामाया के ग्रामीणो ने गांव बैठक रख कर फैसला लिया गया की हमें लिखित में आश्वासन मिल गया है और अब हम धरना प्रदर्शन और चक्का जाम नहीं करेंगे। जब तक काम चालू नहीं हो जाता। अगर काम चालू होने के बावजूद हमें अगर काम पर नहीं रखा जाता है तो फिर से यह आन्दोलन, जब तक नहीं लगाया जाएगा तब तक जारी रहेगा। बैठक में प्रमुख रुप से युवा सेना जिला अध्यक्ष व शिव सेना जिला महासचिव कांकेर खेमलाल माहला तहसीलदार दल्लीराजहरा टीआई महामाया जीएम सी एम एम दुल्की ए जी एम महामाया एस एच एन जी सीपी आई ओ आई ए के एवम शिव सेना महामाया ग्राम अध्यक्ष बलराम निषाद सुमान्त साहू जमुना बाई बसंती बाई जमीला बेगम अमेरिका बाई सुशीला बाई उत्तम कुमार उदयसिंह एवं माहमाया ग्राम वासी व शिव सैनिक उपस्थित थे।