EXCLUSIVE- भिलाई के एक लॉज में दूसरे की आईडी दिखाकर छुपा हुआ था आरोपी आरक्षक, पुलिस ने किया गिरफ्तार, रिमांड पर भेजा जा रहा जेल, देखें वीडियो और पूरी खबर कैसे पकड़ा पुलिस ने आरक्षक को?
बालोद। सिवनी की डेढ़ साल की बच्ची को सिगरेट से शरीर के कई हिस्सों में दागने वाले आरोपी आरक्षक अविनाश राय को बालोद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसे अब रिमांड पर जेल भेजा जा रहा है। इस पूरी कार्रवाई में स्पेशल टीम की अहम भूमिका रही। जो 24 घंटे से केस को सुलझाने को डटी हुई थी। कल सुबह 10.30 बजे एफआईआर हुआ था और आज सुबह 10 बजे आरोपी भिलाई में पकड़ा गया। जानकारी के मुताबिक आरोपी भिलाई पावर हाउस के छाया नामक लॉज में रुका हुआ था। खुद की पहचान छिपाने के लिए दूसरे की आईडी दिखाकर वहां ठहरा हुआ था। इधर पुलिस मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर रही थी। बालोद पुलिस और साइबर सेल की टीम लगातार मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही थी। अंततः लोकेशन मिलते ही टीम बनाकर भिलाई भेजा गया। लॉज के कमरे की घेराबंदी करके पुलिस ने दरवाजा खटखटा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और रिमांड पर जेल भेजा जा रहा है। इस केस को सुलझाने में प्रमुख रूप से उपनिरीक्षक शिशिर पांडे, वेद प्रकाश साहू, विपिन गुप्ता, राहुल मनहरे, योगेश सिन्हा व साइबर सेल में पूरन देवांगन, संदीप यादव व मिथलेश का अहम रोल रहा। वहीं एसपी जितेंद्र सिंह मीणा के मार्गदर्शन में एएसपी डीआर पोर्ते व डीएसपी दिनेश सिन्हा के निर्देशन में बालोद टीआई जीएस ठाकुर अर्जुन्दा टीआई कुमार गौरव साहू सहित अन्य अमला लगातार आरोपी की खोजबीन में तत्पर रहें। और बालोद सहित छत्तीसगढ़ के इस चर्चित केस को सुलझाया गया। ज्ञात हो कि पुलिस आरक्षक द्वारा ही इस तरह की हरकत किए जाने से पुलिस की छवि भी खराब हो रही थी तो यह सवाल भी उठने लगा था कि क्या पुलिस आरक्षक ही आरोपी है तो इस पर कार्रवाई होगी। मामले को पुलिस प्रशासन ने गंभीरता से लिया। डीजीपी ने आरोपी आरक्षक को बर्खास्त कर दिया तो गिरफ्तारी के निर्देश देते ही स्पेशल टीम लोकेशन ट्रेस कर उसे लॉज से उठाकर ले गया। बच्ची के ऊपर बर्बरता बरती गई है इसलिए धारा 294, 323,324 आईपीसी के अलावा अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय सदस्य यशवन्त जैन के निर्देश के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 75 किशोर न्याय (बालकों की देखरेख) अधिनियम 2015 एवं धारा 3(2) (v),(क) अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई।
पकड़ाने के बाद आरक्षक कहने लगा नशे में मैंने यह सब किया, ज्यादा कुछ याद नहीं
जब पुलिस ने आरोपी को पकड़ा और उसे थाना लाया गया और इस तरह बच्ची को सिगरेट से दागने की वजह पूछी गई तो आरोपी कहने लगा कि मैंने यह सब शराब के नशे में किया। कितनी बार सिगरेट से दागा है ज्यादा कुछ याद नहीं है। बताया जाता है कि आरोपी घटना के बाद से फरार हो गया था। पुलिस पहले उसे स्थानीय बालोद क्षेत्र में ढूंढ रही थी ।फिर लोकेशन मिला कि वह दुर्ग चला गया है। दुर्ग पुलिस की भी इसमें अहम भूमिका रही। जो लगातार उसे ढूंढने में बालोद पुलिस की मदद करती रही। अंततः सुराग मिला कि वह पावर हाउस भिलाई के किसी लॉज में ठहरा हुआ है।
आरोपी पर भरोसा करते थे परिजन, गोद में उसे खिलाता भी था
बताया गया कि आरोपी जिस बच्ची को सिगरेट से दागा है उसकी चाची के यहां पहले से ही किराए में रहता था। जिसके बाद वह बच्ची के घर में ही किराए में रहा। लंबे समय से किराया में रहने के कारण उनके घर वालों से अच्छी जान पहचान हो गई थी और घरवाले उस पर भरोसा भी करते थे। उस बच्ची को गोद में उठाकर खिलाता भी था। लेकिन क्या पता था कि इस बच्ची के साथ वह एक दिन वहशीपन हरकत करेगा।