कहीं तालाब में पानी के बीच हुआ रावण का नाश तो कहीं बरसते पानी में भी बुराई के प्रतीक पुतले का हुआ दहन

बालोद। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में रावण दहन कर दशहरा उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस अंतर्गत शुक्रवार को कई जगह रात में बारिश भी हुई। बरसते पानी के बावजूद लोगों ने बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया। तो कई जगह अजब गजब परंपराओं के साथ ही दशहरा मना। इस क्रम में जिले के ग्राम सिरसीदा (ओटेबंद) में तालाब के बीच पुतला खड़ा किया गया था। जिसे राम ने रॉकेट के जरिए दहन किया। इसके अलावा इसी तरह का दशहरा ग्राम चौरेल में भी हुआ। ज्ञात हो की सिरसीदा में लगभग 1994 से इस तरह से दशहरा मनाया जा रहा है। कुछ अलग हटकर करने की सोच के साथ लोगों ने इस तरह तालाब में पुतले को पानी के बीच खड़ा करके उसे मारने का रिवाज शुरू किया। जो अब तक चला आ रहा है और आकर्षण का केंद्र रहता है।

बरसते पानी में भी जल गया पुतला
ग्राम जगन्नाथपुर में बरसते पानी में लोगों ने रावण का पुतला जलाया। इसके पहले सांकेतिक रामलीला की प्रस्तुति हुई। छोटे-छोटे बच्चों ने अभिनय किया बाजे गाजे और आतिशबाजी के साथ लोग पुतला जलाने की तैयारी कर रहे थे। फिर अचानक तेज बारिश शुरू हो गई ।लेकिन जीत तो अच्छाई की होनी थी बुराई का नाश करना था। इसलिए ग्रामीण रुके नहीं और बरसते पानी में भी राम पात्र की अगुवाई में पुतला दहन किया गया।