अजब गजब पर खतरनाक भी ये आस्था- बालोद के इस गांव में अष्टमी पर हवन कुंड की आग में कूदते हैं ग्रामीण, देखें खबर
बालोद। गांव में अष्टमी और दशहरे में अजब गजब रीति-रिवाजों के साथ आयोजन होता है। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया है। जो बालोद जिले के ग्राम डेंगरा पार (घीना) का बताया जा रहा है। यहां पर अष्टमी हवन के दौरान एक परिवार में आयोजन के दौरान पूजा करने वाले पंडा हवन कुंड में कूदते दिखाई दे रहे हैं और उन्हें बचाते हुए उन्हें हवन कुंड के आग के ऊपर करवट बदलते हुए ग्रामीण नजर आ रहे हैं।
गांव के गौकरण देवदास का कहना है कि यह हमारे गांव की परंपरा है। जिसे जग रचाई परंपरा के नाम से जाना जाता है। हमारे गांव में हवन बिना पंडित के होता है। कोई मंत्रोच्चारण नहीं होता बल्कि 9 दिनों तक पूजा करने वाले पंडा ही इस तरह से हवन कुंड जलाकर जलती आग में खुद को आस्थावश झोंकने का प्रयास करते हैं।
उन्हें जलने से बचाते हुए अग्नि के ऊपर करवट बदलाते हुए अन्य ग्रामीण उन्हें रोकते हैं और फिर अन्य विधाओं के साथ उन्हें शांत कराया जाता है। ऐसा करना खतरनाक तो है लेकिन अब तक किसी के साथ कोई घटना नहीं हुई है। अग्नि कुंड में कूदने वाले लोगों को बचाने के लिए दक्ष ग्रामीणों की पर्याप्त संख्या यहां तैनात रहती है।