खबर का असर- करंट से मौत पर 17 लाख का मिला मुआवजा, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना का आंदोलन रंग लाया,पाररास में करंट लगने से हुई थी ठेका कर्मी की मौत
बालोद। विगत दिनों बालोद क्षेत्र में पाररास में विद्युत लाइन सुधार कार्य के दौरान जामगांव बी के रहने वाले एक ठेका बिजली कर्मचारी महेंद्र साहू की करंट लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में कर्मचारियों ने ठेका कंपनी पर सुरक्षा की अनदेखी व बिजली कंपनी पर भी लापरवाही का आरोप लगाया था। मामले को Daily Balod News ने भी प्रमुखता से उजागर किया था। जिसके बाद जब घायल अवस्था में महेंद्र साहू को राजनांदगांव से भिलाई भर्ती कराया गया तो इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मामले की खबर मिलते ही वहां पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना भी आगे आ गई थी ।लगभग 4 दिनों तक अस्पताल परिसर में आंदोलन के बाद मृतक महेंद्र साहू के परिजनों को 17 लाख तक मुआवजा मिला है। इस पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने इस आंदोलन का हिस्सा बने हर एक व्यक्ति का हौसला बढ़ाया है तो वही यह निश्चय किया गया है कि जब जब भी छत्तीसगढ़िया लोगों के साथ इस तरह का शोषण, अन्याय होता है तो उनके समर्थन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना आगे चलकर भी खड़ी होगी।
बता दें कि इस पूरे मामले में जब ठेका कर्मचारी की मौत हुई तो उसके परिजन व अन्य कर्मचारी जिन्हें फंसाया जा रहा था, उन सभी को न्याय दिलाने के लिए कई कर्मचारी के अलावा छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना भी एकजुट हुई थी। तो यह मामला प्रदेश स्तर पर भी उठ गया था। पहले तो इस पूरे मामले को घटना के बाद विद्युत वितरण कंपनी के अफसर सहित ठेका कंपनी के अधिकारी व ठेकेदार तक भी दबा रहे थे। मामले में लीपापोती हो रही थी तो वहीं घटना के लिए दोषी स्वयं कर्मचारी व अन्य कर्मचारियों को बताया जा रहा था। काम कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि जहां पर काम कर रहे हैं वहां पर डबल सर्किट लगा हुआ है, इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। एक सर्किट बन्द किया गया था। दूसरा चालू था। इस धोखे के कारण यह घटना हुई थी। जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार हैं। बिना सुरक्षा व्यवस्था के काम करवाया जा रहा था जिसके चलते इस तरह की घटना हो गई। dailybalodnews.com ने सभी पहलुओं पर जांच करके खबर प्रकाशित की थी। मामले ने तूल पकड़ा। गंभीर रूप से झुलसे हुए महेंद्र की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई लेकिन मौत पर ठेका कंपनी, विद्युत वितरण कंपनी पर शोषण व लापरवाही का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना 50 लाख के मुआवजे व अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते रहे। 4 दिनों के आंदोलन के बाद मृतक के परिवार वालों को 17 लाख तक की मदद मिल गई। वही आगे चलकर अन्य लाभ भी उनके परिवार वालों को मिलेगा।
गोलमोल जवाब देने पर संगठन के लोगों ने मार दिया था थप्पड़
ज्ञात हो कि जब युवक की अस्पताल में मौत हो गई तो फिर संबंधित ठेकेदार को बुलाया गया। जहां वह गोलमोल जवाब दे रहा था। आवेश में आकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के लोगों ने ठेकेदार को थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद फिर उसने अपनी लापरवाही स्वीकार की और फिर माफी भी मांगी थी। जिसके बाद कंपनी भी घेरे में आ गई तो वहीं विद्युत वितरण के अधिकारी भी आंदोलन को देखते हुए नतमस्तक हो गए और मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए सहमत हुए।
इस तरह से मिला मुआवजा
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानी और पीड़ित परिवार के लोग पिछले 4 दिन से बालोद की बिजली विभाग के ठेकेदार द्वारा लापरवाही पूर्ण औद्योगिक हत्या के खिलाफ जोरदार तरीके से डटे हुए थे। जिसके परिणाम स्वरूप ठेका कंपनी द्वारा पीड़ित परिवार को तुरंत 5 लाख का चेक दिया गया। इसके अलावा 3 महीने के अंदर भुगतान होने वाले 8 लाख के पीडीसी यानी पोस्ट डेटेड चेक दिया गया। विभाग यानी विद्युत वितरण कंपनी से ₹4 लाख और अस्पताल में इलाज के खर्च की रकम ₹1 लाख53000 भी देने राजी हुए।