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पहली बार अष्टमी पर ऐसा दृश्य- मास्क लगाकर पुजारी सहित भक्तों ने किया हवन- पूजन, जहां होती थी हजारों की भीड़ वहां कम बेटियों के जरिए हुआ कन्या भोज, देखिये वीडियो व तस्वीरें

देखिए वीडियो कोरोना काल में कैसे हुआ अष्टमी हवन

बालोद। महाअष्टमी पर इस बार कोरोना को ध्यान में रखते हुए पूजा पाठ किया गया। शासन से निर्देश था कि मंदिर समिति के लोग ही इस पूजा पाठ में शामिल होंगे। जिसका पालन करते हुए प्रमुख धार्मिक स्थलों में आज महाअष्टमी पर हवन पूजन का कार्यक्रम हुआ। देर शाम तक अलग-अलग जगहों पर हवन पूजन चलता रहा। शासन के निर्देश के मुताबिक पुजारी तक ने भी मास्क पहनकर मंत्रोच्चारण किया तो गिनती के भक्तों ने बैठकर हवन में पूर्णाहुति डाली।

तो वही कम संख्या में श्रद्धालु भी शामिल हुए। पहले की तरह माहौल तो नहीं था लेकिन आस्था भी नहीं टूटने दी गई। लोगों ने भले ही तामझाम नहीं किया ना कोई लाउडस्पीकर था ना कोई सा सजावट लेकिन आस्था को बरकरार रखते हुए हवन पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया गया तो वही विसर्जन कल यानी रविवार को होगा।

बंजारी धाम जुंगेरा सहित अन्य स्थलों में पुजारी व अन्य लोगों ने मास्क पहनकर पूजा अर्चना की। वही बिना लाउडस्पीकर के पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भक्तों ने माता सेवा भजन भी गाया। पहले जहां पर सैकड़ों से हजारों लोगों की भीड़ जुटी रहती थी। ऐसी जगहों पर भी आज कम भीड़ रही। लोगों ने घरों से ही उपासना की तो घरों से ही कई लोगों ने हवन पूजन किया।


इस बार शहर में भी कम जगहों पर प्रतिमा स्थापित की गई थी। जहां पर भी हवन पूजन का कार्यक्रम दोपहर से शाम तक चलता रहा।

गंगा मैया मंदिर में कन्या भोज
झलमला के गंगा मैया मंदिर में जहां पहले हजारों की संख्या में बालिकाओं को बैठाकर कन्या भोज कराया जाता था, वहां इस बार औपचारिकता निभाने के लिए व परंपरा न टूटे इसलिए गंगा मैया मंदिर में भी कुछ बालिकाओं को बुलाकर कन्या भोज करवाया गया।

नही निकलेगी विसर्जन शोभायात्रा

पहली बार इस गंगा मैया मंदिर में विसर्जन शोभायात्रा नहीं निकलेगी।हर साल इस विसर्जन यात्रा को देखने के लिए दूर-दूर से हजारों लोग आते थे। स्थिति यह होती थी कि सड़क जाम हो जाती थी लेकिन विसर्जन का काफिला लंबा होता था। इस बार ऐसा कुछ नजारा नहीं रहेगा। जोत को स्वतः शांत होने के लिए जोत कक्ष में ही छोड़ दिया जाएगा। विसर्जन शोभायात्रा नहीं निकलेगी।

गांव में भी शीतला धाम में हवन

ग्रामीण क्षेत्रों में भी देवी मंदिर में और शीतला धाम में हवन पूजन का दौर चलता रहा। पारंपरिक वाद्य यंत्र के साथ सेवा गीत भी हुई। कल गांव के तालाबों में प्रमुख लोगों की मौजूदगी में विसर्जन होगा। रनचिराई में रात 8 बजे तक हवन पूजन चला।


गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम मासुल में नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को मां महागौरी की पूजा अर्चना के साथ हवन-पूजन किया गया। मंदिरों में मां के महागौरी स्वरूप की आराधना की गई। कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय के साथ श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। हवन पूजन के पश्चात श्रद्धालुओं ने नवकन्या भोज कराया। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया।

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

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