ट्रक व्यापारी हैं लाचार और बेबस,महीनों से पहिए थमे, बेरोजगारी का संकट

बालोद। जिला मुख्यालय में रेलवे का रैक पॉइंट है। यहां से ही अन्य जिलों में मालगाड़ी से आने वाले खाद बीज सीमेंट सहित कई तरह के सामानों की सप्लाई होती है। जो अंतर राज्य व्यापार का एक जरिया है। पर इस प्रमुख रैक पॉइंट क्षेत्र के ही ट्रक व्यापारियों को बेरोजगारी झेलनी पड़ रही है। कोरोना काल और लॉकडाउन ने इन व्यापारियों को लाचार कर रखा है और आज भी इन व्यापारियों की ट्रक बेबस खड़ी है। पहिए थमे हुए हैं। कई ट्रक मालिकों की गाड़ियां फाइनेंस में है। किस्त जमा नहीं कर पा रहे हैं। इससे फाइनेंस कंपनी का दबाव अलग झेल रहे हैं। कई तरह की परेशानी से गुजर रहे ट्रक व्यवसायियों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाते हुए रोजगार दिलाने की मांग की है ताकि उनकी गाड़ियां चलती रहे। ट्रक मालिकों का कहना है कि जिला मुख्यालय में कई सरकारी काम होते हैं। रेलवे रैक प्वाइंट कार्य का बहुत बड़ा स्थल है। लेकिन वहां पर भी हमें पर्याप्त काम नहीं मिलता और तो और सरकारी जगहों पर भी हमारी गाड़ियां नहीं लगाई जाती है। बाहर से गाड़ियां लग जाती है। ट्रक मालिक परिवहन संघ से जुड़े हुए प्रमुख विपिन दीवान ने कहा कि सिर्फ ट्रक नहीं चलता ट्रक के जरिए उन्हें चलाने वाले चालक हेल्पर सहित उनके परिवार चलते हैं। पर बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि चालकों को ट्रक चलाना तो दूर की बात अपने परिवार को चलाना बहुत मुश्किल हो गया है। जिसकी चिंता मालिकों को भी रहती है कि हम कैसे उन्हें काम दिलाएं, कैसे उनका जीवन चलाएं। बालोद में ट्रक व्यवसाय पर भारी संकट बना हुआ है। आज महंगाई की मार और कोविड-19 के चलते लॉकडाउन एवं भाड़ा में वृद्धि ना होना ट्रक वालों पर भारी पड़ पड़ रही है। डीजल के ₹100 प्रति लीटर को छू रहा है। बीमा कंपनी के द्वारा रोड टैक्स, परमिट, फिटनेस के फीस, चालक परिचालक की तनख्वाह, टायर के दाम, पार्ट्स के दाम, इन सभी पर लगातार भारी वृद्धि हो रही है। जिससे ट्रक मालिकों को ट्रक चलाने में असमर्थता हो रही है।

मिलरों से नहीं मिलता उचित काम

ट्रक मालिकों ने बताया कि बालोद जिले में चार धान संग्रहण केंद्र हैं। इसके बावजूद ट्रक वालों को राइस मिलर के द्वारा उचित काम नहीं मिलता है। बालोद में रैक पॉइंट होने के बावजूद पर्याप्त रैक नहीं आती है। इसकी वजह यही है कि इस रैक पॉइंट में शेड नहीं है। जबकि बालोद में सभी जिलों से बहुत ही सहजता से माल पहुंचाया जा सकता है। पर ऐसा नही होता, इस कारण से कई ट्रक मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। काम के अभाव में ट्रक मालिक फाइनेंस कंपनी के द्वारा गाड़ी खरीदे हैं पर किस्त जमा नहीं कर पा रहे हैं। फाइनेंस कंपनी के द्वारा गाड़ी किस्तों को जमा करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। सभी ट्रक मालिकों व संबंधित व्यक्तियों पर बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है। दूसरी तरफ बालोद जिले में लौह अयस्क में बहुत काम है पर स्थानी ट्रक वालों को रोजगार ही नहीं मिल रहा है। इसलिए ट्रक मालिकों ने शासन प्रशासन व रेलवे प्रशासन से अनुरोध किया है कि उनकी समस्या का निराकरण किया जाए। मांग करने वालों में
अध्यक्ष विपिन दीवान, सचिव मनोज चांडक,उपाध्यक्ष सतीश यादव ,कोषाध्यक्ष मधुसूदन मंत्री, सहसचिव राजू साहू , लखन सिंह गौतम ,संतोष शर्मा ,खेमचन्द गोयल ,कृष्णा दुबे ,सन्दीप राजा चौहान, हरचरण सिंह कत्याल ,मनीष पटेल, प्रफुल पटेल, प्रदीप पांडेय, राजकुमार प्रजापति, सोमेश साहू ओमप्रकाश गुप्ता, नरेंद शर्मा, गौरव गोयल, राजेश यादव, केशव साहू, भवानी शंकर शर्मा, पेखन साहू, रौनक कत्याल, सुनील गौतम, एवं परिवहन संघ के समस्त सदस्य शामिल हैं।

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