BREAKING.NEWS- अब ये क्या बात हुई? शिक्षकों को हराम का वेतन पाने वाले कह कर डीईओ ने पोस्ट की इस लाइन को विलोपित किया जाए, इधर प्रदेश स्तर पर पहुंचा मामला, शिक्षक संगठन कर रहे मांग डीईओ हटे या सार्वजनिक रूप से माफी मांगे
बालोद/ रायपुर। बालोद जिले के जिला शिक्षा अधिकारी आरएल ठाकुर द्वारा शिक्षा विभाग के ग्रुप पर शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों को लेकर हराम का वेतन पाए जाने से संबंधित विवादित टिप्पणी को लेकर अब पूरे छत्तीसगढ़ में बवाल मच गया है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों से विभिन्न शिक्षक संगठन इस टिप्पणी पर कड़ी निंदा कर रहे हैं तो वही प्रदेश टीचर्स एसोसिएशन द्वारा डीईओ को हटाने या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने तक की मांग उठने लगी है। इधर बड़ी बात है यह सामने आ रही है कि लगातार बढ़ते विवाद को देखते हुए डीईओ ने अपने उक्त पोस्ट में दोबारा एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि उक्त पोस्ट के सातवे लाइन को विलोपित किया जाए।।इस तरह डीईओ द्वारा अपने पूर्व पोस्ट में लिखी गई बात को विलोपित माने जाने की बात कही जा रही है। जिससे शिक्षक संगठन और नाराज हो गया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह क्या बात हुई?पहले हमारे लिए अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया गया जो सार्वजनिक हो चुकी है। अब फिर उस शब्द को विलोपित करवा कर आखिर हमें किस बात का सम्मान दे रहे हैं। विभिन्न शिक्षक संगठनो डीईओ को हटाने तो या फिर उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाने की मांग पर अड़े हुए हैं। मामला प्रदेश स्तर तक पहुंच चुका है। प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन शिक्षक संघ रुपेंद्र सिन्हा सहित अन्य संघ के पदाधिकारियों का कहना है एक ओर कोरोना काल में बच्चों के पढ़ाई के मामले में छत्तीसगढ़ में किए जा रहे प्रयासों एवं वैकल्पिक संसाधनों की सराहना नीति आयोग सहित मानव संसाधन विकास मंत्रालय/शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, वहीं जिन शिक्षकों के दम पर आज छत्तीसगढ़ देश भर में टॉप पर चल रहा है, उन्ही के लिए ऐसे संवेदनहीन बयान, शिक्षकों को हतोत्साहित करने वाला बयान है।लगातार इस मसले पर हम डीईओ आरएल ठाकुर को संपर्क करने फोन लगा रहे हैं लेकिन फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं ना ही रिटर्न कॉल कर रहे हैं।
देखिये विभिन्न संगठन की प्रतिक्रिया
नवीन शिक्षक संघ छ. ग. के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा शिक्षको के लिए अपमानजनक शब्द के प्रयोग करने वाले बालोद जिलाशिक्षाधिकारी के ऊपर कार्रवाई किया जाए शिक्षको के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने वाले जिलाशिक्षाधिकारी बालोद के ऊपर कार्यवाही राज्य शासन को जल्दी ही करना चाहिए, जिम्मेदार पद पर पदस्थ अधिकारी के द्वारा आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने *नवीन शिक्षक संघ छ. ग.ने निंदा करते हुए इसे गैरजिम्मेदारी भरा बयान बताते हुए इसे गैर जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर कार्यवाही किया जाना चाहिए।इस सम्बंध में जल्दी ही उच्च कार्यालय में सम्पर्क कर बालोद जिलाशिक्षाधिकारी के ऊपर कार्यवाही की मांग नवीन शिक्षक संघ द्वारा किया जाएगा।
हराम शब्द का इस्तेमाल घोर आपत्तिजनक
इधर छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने शिक्षकों पर की गई उक्त आपत्तिजनक टिप्पणी को अशोभनीय बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाषा की मर्यादा होनी चाहिए, “हराम” शब्द का इस्तेमाल उचित नही है। यदि कार्य नही हुआ है तो आपत्तिजनक भाषा की जगह उचित प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करनी चाहिए। जिलाशिक्षाधिकारी की इस टिप्पणी को जस की तस बीईओ और संकुल समन्वयकों द्वारा सभी विभागीय ग्रुप में प्रसारित करना हास्यास्पद है। इतनी समझदारी तो होनी ही चाहिए क्या प्रसारित हो और क्या न हो। ब्लाक अध्यक्ष अमित सिन्हा(डौंडीलोहारा), विक्रम राजपूत( गुरुर),राजकुमार भोयर(डौंडी), किशन साहू (गुण्डरदेही), एलेन्द्र यादव( बालोद) ने भी इस टिप्पणी पर घोर आपत्ति दर्ज की है।
नवीन शिक्षक संघ डी ई ओ बालोद के आपत्तिजनक बातों का किया विरोध
नवीन शिक्षक संघ बालोद के जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश साहू ने डी ई ओ बालोद द्वारा आपत्तिजनक बातें व्हाट्सएप ग्रुप में शिक्षकों के लिए कहने पर आपत्ति व्यक्त किया है तथा संघ द्वारा पुरजोर विरोध करने की बात कही है,शिक्षकों को पूरा का पूरा दोषारोपण करना पूरी तरह गलत है,अधिकारियों की जिम्मेदारी भी सुनुश्चित की जानी चाहिये। संघ शिक्षकों पर की गई आपत्तिजनक बातों के लिए डी ई ओ बालोद से शिक्षक समुदाय से माफी की मांग करता है।
जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश साहू ने बताया कि नवीन शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने सम्बन्धित आपत्तिजनक घटना पर संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत करने एवं विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
शिक्षा जैसे पवित्र सेवा को हराम बताना गलत
छग टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा शिक्षा जैसे पवित्र सेवा को हराम बताने वाले अधिकारी शिक्षक ही थे, अब पूरे कौम को गाली दे रहे है, यह शिक्षा विभाग में अफसरशाही, बदजुबानी व निरंकुशता का परिचायक है, यह अधिकारी शिक्षक व गुरु का सम्मान नही कर सकता,,एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के उच्च प्रशासकों से ऐसे अधिकारी पर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा है कि अधिकारी को पद से हटाएँ या अधिकारी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, हरेन्द्र सिंह, देवनाथ साहू, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढय, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारिक ने डीईओ के इस बयान पर सख्त विरोध जताया है। पदाधिकारियों ने कहा कि शासकीय निर्देश का पालन कराने व नही करने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। परंतु इस तरह गाली गलौज की भाषा का प्रयोग कर व दबाव पूर्वक कार्य कराने की तरीके से सख्त नाराजगी है। पदाधिकारियों ने कहा कि जारी निर्देश चाहे किसी संबंधित नीचे के अधिकारियों या किसी शिक्षकों के लिए हो,,भाषा आपत्तिजनक है।
हराम शब्द सर्वथा गलत
अध्यक्ष सहायक शिक्षक फेडरेशन
जिला बालोद देवेन्द्र हरमुख ने कहा शिक्षक अपना दायित्व अच्छे से निभा रहे हैं पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा हराम का वेतन पा रहे है ऐसे शब्दों का प्रयोग करना सर्वथा अनुचित है। ऐसे शब्द के लिए उन्हें शिक्षक समुदाय से माफी माँगनी चाहिए। हम इनकी घोर निंदा करते है।