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बालोद जिले में किसानों का पहला धरना काले कानून के विरोध में, छग किसान मजदूर महासंघ ने दिया धरना, लोहारा में हुआ प्रदर्शन

बालोद । डौंडीलोहारा ब्लाक मुख्यालय में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासघ जिला बालोद के आह्ववान पर केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीनों काला कानून के खिलाफ जमकर घरना प्रर्दशन किया गया। प्रमुख वक्ता के रूप में तुकाराम कोर्राम ने किसानों को घरती के भगवान की संज्ञा देते हुए कहा कि किसान अनाज उगाकर पूरे दुनिया के इंसानो का भुख मिटाता हैं, उसी किसानों के साथ केंद्र की मोदी सरकार विश्वासघात कर रही हैं। युवा किसान नेता सुरेश कोरेटी ने किसान विरोधी कानून का विरोध के साथ साथ, छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगार, नवजवान साथियो को आह्वान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ हल्ला बोला जाएगा, क्योंकि बेरोजगारो को बेरोजगारी भत्ता देने के वादे अपने चुनावी घोषणा पत्र में कर के बेरोजगार साथियों के बरोजगारी का मजाक उड़ाया हैं। किसान मजदूर महासघ अघ्यक्ष गैंदसिह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार अगर किसानों के धान खुले बाजार में बिकवाना चाहती हैं, तो MSP तय कर दे, जैसे कम्पनीयों में बने सामानों का MRP तय किया जाता हैं।

सभा को सम्बोधित करते हुए किसान मजदूर महासघ के संरक्षक पूर्व विधायक, छ.ग.मु. मोर्चा के अघ्यक्ष जनक लाल ठाकुर ने कहा कि जो कानून केंद्र की मोदी सरकार ला रही है, सरासर किसानों के साथ छलावा हैं, जिसका विरोध पूरे देश के कई राज्यों में जैसे पंजाब, हरियाणा, एमपी, आंध्रप्रदेश जैसे कई राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भी किसान आंन्दोलन को तेज करना होगा। अगर छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल की सरकार वाकई किसानों की हितैषी हैं, तो विधानसभा में यह पारित करें कि किसान विरोधी काला कानून को छत्तीसगढ़ में लागू नही किया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि केंद्र की सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें, तो अपने आप किसानो की आय दुगूनी हो जायगी। मगर ऐसा न कर बड़े बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए कॉरपोरेट कान्टेक्ट पद्घति लागू कर किसानों से जमीन छीन लेना चाह रही हैं। किसानों को आह्वान किया कि अपने जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए जरूरत पडी, तो रोड मे भी आना पड़ेगा।


पूरे कार्यक्रम संचालन नवाब जिलानी यह कहते हुए किया कि जुल्मी जब जब जुल्म करेगा, सत्ता के गलियारो से चप्पा चप्पा गुंज उठेंगा इंकलाब के नारो से। अंत मे राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम से अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व को ज्ञापन सौपा गया।

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