बालोद। बालोद जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी कितने सभ्य हैं और किस तरह की भाषा का इस्तेमाल वे सोशल मीडिया में करते हैं इसका एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल में बीईओ व एबीईओ शिक्षा विभाग के नाम से बने एक ग्रुप में जिले के शिक्षा अधिकारी आर एल ठाकुर द्वारा एक निर्देश डाला गया है। जिसमें उन्होंने सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारी को ध्यान देना, व 400 से अधिक प्राइमरी, मिडिल स्कूलों में नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल में केवाईसी नहीं करने पर नाराजगी जताई है जिस पर उन्होंने विवादित तरीके से लिखा है कि “हराम के वेतन पाने की प्रवृत्ति बढ़ गई है” कल अंतिम तिथि है। डीईओ द्वारा इस तरह टिप्पणी किए जाने से शिक्षक संगठन सहित अफसरों के बीच बवाल मच गया है तो वही अधिकारी द्वारा इस तरह की भाषा का प्रयोग किए जाने से उनकी निंदा की जा रही है। तो वहीं डीईओ के इस विवादित निर्देश को ही अन्य ब्लॉक के बीईओ व अन्य अधिकारी तक अलग-अलग ग्रुप में फारवर्ड भी कर रहे हैं।
प्राइवेट स्कूल के ग्रुप में बीईओ डौंडी आर आर ठाकुर द्वारा भी उसी को पोस्ट कर दिया गया है। जब उनसे हमने इस पोस्ट के बारे में पूछा तो उनका कहना था पोस्ट डीईओ का है, जिसे उन्होंने प्राइवेट स्कूल से संबंधित होने के कारण उनके ग्रुप में फॉरवर्ड किया है। इसी तरह गुण्डरदेही सहित अन्य ब्लॉक के ग्रुप में भी यह पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट पढ़कर अधिकारियों सहित शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। तो कई लोग पोस्ट वायरल करने वालों को भी फोन करके इस पर नाराजगी जता रहे हैं। कुछ अधिकारी पोस्ट को डिलीट कर रहे हैं लेकिन यह तेजी से वायरल हो रहा है वहीं टिप्पणी पर तरह तरह की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। छग टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष दिलीप साहू ने कहा इस तरह का निर्देश उचित नही है। गुंडरदेही ब्लॉक के छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र देशमुख का कहना है कि एक अधिकारी द्वारा इस तरह की भाषा का प्रयोग किया जाना बहुत ही निंदनीय है वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक आलोक शुक्ला का बयान आता है कि हमने क्लास लगाने के लिए कोई आदेश नहीं किया है। अगर शिक्षक स्वेच्छा से क्लास लगा रहे हैं, इस दौरान उन्हें अगर कोरोना होता है तो उसकी जिम्मेदार स्वयं होंगे। इस बयान पर भी शिक्षकों में नाराजगी है तो वहीं डीईओ द्वारा इस तरह विवादित निर्देश देकर शिक्षकों व ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। जिसके चलते बालोद जिले के शिक्षा विभाग में हलचल मची हुई है। वहीं इस विवादित टिप्पणी के बाद मामला और बिगड़ता जा रहा है। इस संबंध में जब हमने डीईओ से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
हराम शब्द का इस्तेमाल घोर आपत्तिजनक
इधर छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने शिक्षकों पर की गई उक्त आपत्तिजनक टिप्पणी को अशोभनीय बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाषा की मर्यादा होनी चाहिए, “हराम” शब्द का इस्तेमाल उचित नही है। यदि कार्य नही हुआ है तो आपत्तिजनक भाषा की जगह उचित प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करनी चाहिए। जिलाशिक्षाधिकारी की इस टिप्पणी को जस की तस बीईओ और संकुल समन्वयकों द्वारा सभी विभागीय ग्रुप में प्रसारित करना हास्यास्पद है। इतनी समझदारी तो होनी ही चाहिए क्या प्रसारित हो और क्या न हो। ब्लाक अध्यक्ष अमित सिन्हा(डौंडीलोहारा),विक्रम राजपूत( गुरुर),राजकुमार भोयर(डौंडी), किशन साहू (गुण्डरदेही), एलेन्द्र यादव( बालोद) ने भी इस टिप्पणी पर घोर आपत्ति दर्ज की है।