गांव के लोग नहीं चाहते थे शहर में जुड़ना इसलिए हर बार करते थे चुनाव का बहिष्कार, अब हुए शहर से अलग, सरकार ने जारी किया आदेश, पढ़िए बालोद के इस गांव की रोचक कहानी
बालोद/ दल्ली राजहरा। दल्ली राजहरा क्षेत्र के नगर पंचायत चिखलाकसा से लगे हुए 3 वार्ड के लोग वर्षों से शहर से अलग होकर स्वतंत्र गांव का दर्जा पाने की मांग कर रहे थे और इस मांग के चलते उक्त गांव कारू टोला सहित आसपास के लोग मतदान में हिस्सा तक नहीं लेते थे। वे लगातार चुनाव का बहिष्कार करते थे। उनकी यही मांग होती थी कि हमें चिखलाकसा नगर पंचायत में नहीं रहना है। इस मुद्दे को लेकर कई बार ग्रामीण आंदोलन तक किए। लगातार विधायक मंत्री सहित सब से मांग करते रहे पर सुनवाई नहीं हो रही थी। अब जाकर कांग्रेस सरकार में इस क्षेत्र की विधायक व महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेड़िया ने उनकी मांगे पूरी कर दी है और कारूटोला सहित अन्य 2 गांव को अब चिखला कसा नगर पंचायत से अलग करके ग्राम का दर्जा दे दिया है। इसके लिए राजपत्र में प्रकाशन हो गया है। इस प्रकाशन से ग्रामीणों में बहुत ही खुशी का माहौल है। अब एक स्वतंत्र ग्राम का दर्जा पाकर पंचायत से जुड़कर मतदान करेंगे और अपना सरपंच चुनेंगे। डौंडीलोहारा विधायिका एवं महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया के अथक प्रयास से चिखलाकसा नगर पंचायत से ग्राम कारुटोला, झरनदल्ली एवं कुंजामटोला को पृथक कर दिया गया है। उक्त तीनों ग्रामों की सीमा को अलग किये जाने के बाद छत्तीसगढ़ के राजपत्र में इसका प्रकाशन भी कर दिया गया है। जारी अधिसूचना पत्र में बताया गया है कि क्रमांक एफ 1-40/2008/18 छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम 1961 (क्रमांक 37 सन 1961) की धारा 5-क द्वारा प्रदत्त सारी शक्तियो को प्रयोग में लाते हुए राज्य शासन एतद द्वारा नगर पंचायत चिखलाकसा में सम्मिलित ग्राम पंचायत कारुटोला, झरनदल्ली (भोयरटोला) और कुंजामटोला की सीमा को नगर पंचायत चिखलाकसा की सीमा से पृथक करता है। वही उक्त तीनों ग्रामो के अलग होने पर चिखलाकसा के एल्डरमैन प्रशांत बोकड़े ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़ियाँ का आभार जताया है।
क्या है मामला ये भी जानिए
बालोद (Balod) जिले के चिखलाकसा नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले तीन वार्डों में पिछले कई सालों से पार्षद नहीं है. इस वार्ड के निवासी चुनाव (Election) का विरोध करते हैं. इसलिए यहां से कोई चुनाव में वोट (Vote) डालना तो दूर कोई चुनाव लड़ता तक नहीं है. हर बार भी यही हाल होता है. नगरीय निकाय चुनाव के लिए भी तीनों वार्डों से कोई भी पार्षद प्रत्याशी नहीं रहा. इन वार्डों के निवासी अपनी अलग ही मांग को लेकर इस तरह का विरोध कर रहे थे.
चिखलाकसा नगर पंचायत में आने वाले वार्ड क्रमांक 1, 14 ,और 15 में नगर पंचायत बनने के बाद से अब तक कोई भी पार्षद प्रत्याशी खड़ा नहीं हुआ।. पिछले कई सालों से यह वार्ड पार्षद विहीन है.।
वार्ड क्रमांक 1, 14 और 15 के नागरिक ग्राम पंचायत में रहने के लिए अपना विरोध दर्ज करा रहे थे।, मगर अब तक कई सरकारें आई और चली गईं, लेकिन इनकी फरियाद पूरी नहीं हुई थी। नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 1 , 14 और 15 के गांव कारुटोला, भोयरटोला ओर कुंजामटोला को 2005 में वार्ड में तब्दील कर दिया गया, लेकिन आज तक ग्रामीणों ने पार्षद प्रत्याशी ही नहीं खड़े करवाया, जिस वजह से सालों से यह वार्ड पार्षद विहीन है.
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
लोगों का कहना है कि चिखलाकसा नगर पंचायत के इन तीनों वार्डों के गांव की तस्वीर आज भी नहीं बदली है. मूलभूत सुविधा के लिए यहां के लोग आज भी तरस रहे हैं. लोगों का मानना है कि जब से नगर पंचायत में इन गांवों को जोड़ा गया है. तब से इन गांवों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. मनरेगा सहित रोजगार के साधन भी नहीं मिल पा रहे हैं. इस वजह से यहां के ग्रामीण चुनाव में विरोध प्रदर्शन करते हैं और पार्षद प्रत्याशी खड़े भी नहीं करवाते हैं. लोगों की मानें तो नगर पंचायत के कारण ग्रामीणों में टैक्स का भार भी बढ़ गया है. यही वजह है कि ये वार्ड पार्षद विहीन है. बताया जाता है कि नगर पंचायत बनाने के लिए जनसंख्या की कमी थी, जिस वजह से इन ग्रामों को जोड़ा गया था, अबजाकर ग्रामीणों की जिद से इन ग्रामों को वापस ग्राम पंचायत में जोड़ने का सफल पहल हुई है।