“अंगना में शिक्षा” कार्यक्रम के तहत् स्वप्रेरित शिक्षिकाओं ने माताओं को प्रशिक्षित कर विद्यालय आने से पूर्व बच्चों को तैयार करने का उठाया बीड़ा
जांजगीर-चांपा । किसी देश के विकास का अंदाजा लगाना हो तो उस देश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था देखकर आप समझ सकते हैं कि इस देश का नींव, क्या चौतरफा और वास्तविक विकास प्राप्त कर सकता है। शिक्षा समाज की आत्मा है। आत्मा दूषित न हो इस बात का ध्यान समाज के प्रत्येक व्यक्ति को करना है। देशभर में विद्यालयों के संचालन न होने से घर बैठे बच्चों के लिये अध्यापन की व्यवस्था कराने हेतु कई प्रकार की योजनाओं का शुभारंभ हुआ । इसी क्रम में हमारे छत्तीसगढ़ सरकार ने सीजी स्कूल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पढ़ई तुंहर दुआर के रूप में एक बहु वैकल्पिक व्यवस्था विद्यार्थियों को मुहैया करा दी और आज वर्तमान में सभी कक्षाओं के बच्चों को ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन तरीके से अध्यापन कराया जाना सुनिश्चित किया जा चुका है, परंतु ऐसे विद्यार्थी जो अभी तक विद्यालय में अध्ययन से जुड़े ही नहीं और जो इस नई शिक्षा प्रणाली से भी बहुत दूर रह गए । ऐसे छोटे बच्चों की जिम्मेदारी यदि उनकी माताओं को दी जाए तो वे आने वाले सत्र में बहुत कुछ सीख कर विद्यालय में आ सकते हैं। ऐसे बच्चों के लिए प्रदेश के कुछ स्वप्रेरित महिला शिक्षिकाओं की टीम ने “अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसमें माताओं को प्रेरित किया जाए कि आंगनबाड़ी और कक्षा एक के बच्चों को घर में ही उनकी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत करें । जो साक्षर नहीं है उनके लिए शिक्षिकाएं व गांव के पढ़े-लिखे बच्चे वालंटियर बनकर सामने आने लगे ।
“अंगना में शिक्षा” कार्यक्रम में 4 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को उनकी माताओं के द्वारा पढ़ाये जाने हेतु तैयार करने स्वप्रेरित महिला शिक्षिकाएं स्वयं से आगे बढ़कर कार्य कर रही हैं। जिसके अंतर्गत बिलासपुर संभाग के 6 जिले की बागडोर बलौदाबाजार जिले की शिक्षिका सीमा मिश्रा और बिलासपुर जिले की शिक्षिका सावित्री सेन ने प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के साथ संभाली है ।
बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, जांजगीर चांपा, कोरबा तथा रायगढ़ जिले से स्वेच्छा से इस कार्यक्रम में साथ देने के लिए महिला शिक्षिकाओं के समूह को तैयार किया गया है। इनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम दो चरणों में आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम चरण में दिनाँक 09/02/2021 को बिलासपुर जिला मुख्यालय में बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही और द्वितीय चरण दिनाँक 12/02/2021 को जांजगीर-चांपा डाईट में जांजगीर चांपा, कोरबा तथा रायगढ़ जिले के स्वप्रेरित महिला शिक्षिकाओं को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे रंग भरना, अक्षर पहचानना, संख्याएं देखना, वस्तुओं का वर्गीकरण करना, गणित पूर्व तैयारी में मौखिक उत्तर देना, साथ ही बच्चों की अभिव्यक्ति कौशल के अंतर्गत उनके समझ के आधार पर उनसे बातें करना आदि सिखाया गया । सारी गतिविधियों में महिला शिक्षिका ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। छोटे बच्चों में सीखने का उत्साह एवं उनकी माताओं को सिखाने का उत्साह देखते ही बन रहा था। साथ ही सभी की उपस्थिति में बच्चों के आंकलन किए गए। सपोर्ट कार्ड में विद्यार्थियों के समझ के आधार पर उनकी समस्त जानकारी को एकत्रित कर चेक लिस्ट तैयार किया गया । सभी ने पूरे कार्यक्रम को अच्छी तरह से समझ कर, योजनाबद्ध करते हुए अपने स्तर पर अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का अतिशीघ्र आयोजन का संकल्प लेकर कार्यक्रम को पूर्ण किया। दिनांक 09/02/2021 को प्राथमिक शाला रामनगर, इमलीभांठा बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम में पार्षद संतोष साहू एवं बिलासपुर से सहायक परियोजना अधिकारी (समग्र शिक्षा) सुनीता पांडे, कांति कुमार साहू थे, जबकि जांजगीर-चांपा में संचालित कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी तोमर, डीएमसी, एपीसी जायसवाल एवं डाइट के समस्त सहायक प्राध्यापक उपस्थित थे। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों के अध्यापन में आए बदलाव पर भी यहां विशेष चर्चा की गई ।
संभाग स्तरीय उक्त पूरा कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ । कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिला शिक्षिकाओं को अधिकारियों के द्वारा उनके स्तर पर कार्यक्रम की सफलता हेतु ढेर सारी शुभकामनाएं दी गई हैं ।