बिलासपुर । कोरोना काल में देश भर में शिक्षा प्रभावित हुई है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चे घरों में कैद रहे हैं। राज्य भर की महिला शिक्षिकाओं के द्वारा प्रारंभ किये गए “अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम के तहत बच्चों को घर में माताओं के द्वारा घर पर पढ़ाना ताकि बच्चे स्कूल के साथ साथ उसे घर में भी पढ सके और पाठ्यक्रम की बातों को आसानी से समझ सकें। बिलासपुर जिले में इन्हीं तथ्यों का प्रशिक्षण दिया गया, ताकि यहां से जाकर बच्चों को उसी ढंग से पढ़ाएं और उनका मूल्यांकन करें। इससे बच्चों की सही प्रगति का मूल्यांकन माताओं के द्वारा ही किया जा सके। लखन छांव के सफल संचालन के पश्चात् अब कक्षा एक एवं आंगनबाड़ी के विद्यार्थियों को पढ़ाने की मुहिम शुरू हुई है । जिसकी बागडोर छत्तीसगढ़ की महिला शिक्षिकाओं ने उठाई शिक्षा से योजना बनाकर सभी ने संभाग बार अपने कार्यों को वितरित किया है।
इस कार्य के सर्वप्रथम शुरुआत बिलासपुर संभाग में 3 जिलों के 10 विकासखंडों की शिक्षिकाओं को कार्ययोजना सीखा कर किया गया। अब हमारी शिक्षिकाएँ ऐसी तमाम योजनाओं पर कार्य कर रही है, जिससे आने वाले समय में देश की शिक्षा प्रणाली पर बड़ा व सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
राज्यभर में कार्यरत सभी शिक्षिकाओं को इसके लिए तैयार होना है, ताकि बच्चे प्राथमिक विद्या घरों में ही हासिल कर सकें और स्कूल के लिए तैयार हो सकें। एक माह में दो बार उनके आकलन की योजना भी रखी गई है, जिससे सुधारात्मक कार्य देखा जा सकेगा। इसी क्रम में आज बिलासपुर संभाग में बिलासपुर, मुंगेली तथा गौरेला पेंड्रा मरवाही इन तीन जिलों के महिला शिक्षिकाओं ने माता उन्मुखीकरण के अंतर्गत “अंगना में शिक्षा” कार्यक्रम में भाग लिया ।
विकासखंड बिल्हा के संकुल तिलक नगर के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला रामनगर इमलीभाठा में इस कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। जिसमें माताओं ने अपने कक्षा एक तथा आंगनबाड़ी के बच्चों को अपने समक्ष ही उनके समझ को आकलन करने के तरीके देखा । विभिन्न रंगों, आकारों, संख्याओं तथा अक्षरों की सहायता से बच्चों के मानसिक विकास के स्तर को मापने का प्रयास किया गया। माताओं के बढ़-चढ़कर भाग लेने से स्पष्ट हो रहा है कि इस समय भी बच्चे यदि घर पर रहकर माता के द्वारा सीखने लगेंगे तो बच्चों के स्तर में सुधार देखने को मिलेगा ।
प्राथमिक शाला रामनगर में राज्य स्तरीय नोडल सीमा मिश्रा तथा सावित्री सेन ने सभी विकासखंडों की महिला शिक्षिकाओं को उक्त स्वेच्छा से किए जाने वाले माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम जो बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया । कई गतिविधियों जैसे – वस्तुओं का वर्गीकरण,बच्चों को व्यक्तित्व शीलता, गणितीय मूलभूत जानकारी आदि बहुत सारी कार्य योजनाओं को सिखाया गया ।
बिल्हा, तखतपुर, कोटा, मस्तूरी, गौरेला पेंड्रा मरवाही, लोरमी, पथरिया मुंगेली सभी विकासखंड की महिला शिक्षिकाओ ने इस कार्ययोजना को अपने स्तर पर संचालित करने हेतु स्वयं को स्वेच्छा से शामिल किया । साथ ही सभी ने अपने विकास खंड एवं स्कूल स्तर पर इसे पूर्ण रुप से लागू करने का प्रयास करने हेतु सभी जानकारियां एकत्रित की ।
रामनगर इमलीभाठा के पार्षद संतोष साहू ने भी इस कार्यक्रम में शामिल होकर पूरी योजना को समझा, साथ ही अपने क्षेत्र में इसके संचालन हेतु पुरजोर प्रयास करने का भरोसा दिलाया । प्राथमिक शाला के सभी शिक्षक वर्ग तथा सभी शिक्षिका रीमा शुक्ला, सुमन कौशिक, अलका राठौर मीरा राज, नलिनी रॉय, प्रीति तिवारी, विभा पैकरा, हेमलता पटेल तथा बिल्हा विकासखंड के बीआरसीसी क्रांति कुमार साहू एवं समन्वयक राय ने पूरे कार्यक्रम को संभाले रखा ।
इस पूरे कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं संचालन के लिए सहायक कार्यक्रम समन्वयक समग्र शिक्षा बिलासपुर सुनीता पांडे ने पूरी टीम को शुभकामनाएं दी हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचार वाले प्रयास करने से हमारे सभी शिक्षकों, माताओं एवं बच्चों में में एक नया उत्साह जागृत होगा ।