महिला कमांडो का एक और अनूठा प्रयास: गांव की महिलाएं बनेगी लेडी टेलर ,जनभागीदारी से दनिया में सिलाई प्रशिक्षण प्रारंभ

बालोद। महिला कमांडो नशा मुक्ति, स्वच्छता एवं विविध जन कल्याणकारी कार्य करते हुए शासन की जन कल्याणकारी योजना को जन जन तक पहुंचाते हुए योग्य व्यक्ति को उसका लाभ भी मिल सके यह प्रयास करती है।इस क्रम में महिला कमांडो को आत्मनिर्भर बनाने” अपने हुनर अपने हाथ” की थीम पर महिला कमांडो टीम को सिलाई प्रशिक्षण ग्राम में ही आयोजित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. पद्मश्री शमशाद बेगम ने बताया विभिन्न ग्राम भ्रमण और कमांडो टीम की बैठक में ये बात सामने आई थी कि ग्राम स्तर की महिलाएँ सिलाई का कार्य सिखना चाहती है पर बाहर नहीं जा सकती है। बहुत सारी समस्याएं हैं पर उसके लिए संसाधन हमारे पास भी नहीं था। पर हमने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास जारी रखा। बजाज इलेक्ट्रिकल्स द्वारा हमें 25 सिलाई मशीन, दो कंप्यूटर प्राप्त हुआ । हमने तत्काल 8 मार्च को महिला कमांडो की मांग पर ग्राम पंचायत दनिया में प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया। प्रेमबती, चंद्ररेखा महिला कमांडो ने बताया कि वे ग्राम में सर्वे कर सिलाई सिखने वालों की लिस्ट तैयार कर रही। महिलाओं को यह बतलाया कि कपड़ा ,धागा साथ लेकर आना है ।इस प्रचार के जरिए 35 महिलायें एवं लड़कियों को चिन्हित किया गया। कुमारी चितेश्वरी निशक्त होते हुए भी प्रशिक्षण देने के लिए तैयार हो गई। जिस पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों ने दो-दो सौ रुपए एकत्र कर प्रशिक्षक को देने का मन बनाया। केसरी देशमुख मुख बधिर की प्रशिक्षण में रुचि देखते ही बन रहा है। सरपंच टोमन लाल देशमुख, जनपद सदस्य रीना देशमुख, तुरेंद्र देशमुख के योगदान से प्रशिक्षण हेतु शासकीय भवन प्राप्त हुआ। यह कार्यशाला जनभागीदारी का स्वरूप निर्मित हुआ। इस प्रकार की कार्यशाला अन्य महिला कमांडो के मांग पर अन्य ग्रामों में भी किया जाएगा। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह और एसआर भगत पुलिस अधीक्षक को सिलाई प्रशिक्षण के संदर्भ में अवगत कराया गया तो उन्होंने बजाज इलेक्ट्रिकल्स और दनिया में किए गए योगदान की प्रशंसा की।

महिलाओं ने जताई लेडी टेलर बनने की इच्छा

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं ने खुशी जाहिर करते हुए महिला कमांडो संगठन और बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स के सहयोग को लेकर धन्यवाद और आभार जताया। साथ ही महिलाओं ने कहा कि वह लेडी टेलर बनना चाहती है। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण मिल रहा है। जिससे उन्हें काफी खुशी हो रही है। लेडी टेलर बनने के बाद यह महिलाएं अपने-अपने गांव या मोहल्ले में अपनी आजीविका का साधन सिलाई कढ़ाई बुनाई को बना सकेंगे। जिसके लिए पूरे मन लगाकर महिलाएं रोजाना यहां प्रशिक्षण में शामिल हो रहे हैं।

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