Sat. Sep 21st, 2024

कोरोना से जंग जीत गए थे रिटायर्ड आईजी रविंद्र, पर जिंदगी से जंग हारे, कभी नक्सलियों का भी देते थे मुंहतोड़ जवाब, उनके नाम से थी नक्सलगढ़ में दहशत, याद किए जाएंगे अपनी कर्तव्यनिष्ठा के लिए, तस्वीरों में करिए अंतिम दर्शन

बालोद। रिटायर्ड आईजी रविंद्र भेड़िया अपने व्यवहार और कर्तव्यनिष्ठा के लिए हमेशा जाने जाएंगे। बड़े से बड़े ओहदे तक पहुंचे लेकिन उनकी विनम्रता के सब कायल थे। उनकी कार्यशैली और कर्तव्य निष्ठा अब लोगों के जेहन में हमेशा रहेगी।

सोमवार को दोपहर 12:00 से 1:00 के बीच गृहग्राम ग पीपरछेड़ी बालोद ब्लॉक में स्वर्गीय रविंद्र भेड़िया के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार उनके बेटे जतिन व विकास ने किया। इस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया, संसदीय सचिव व गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद, बालोद विधायक संगीता भैयाराम सिन्हा, विधायक छन्नी साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरे, पूर्व विधायक गुंडरदेही वीरेंद्र साहू, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्र प्रभा सुधाकर, जिला भाजपा अध्यक्ष केसी पवार, पवन साहू, अभिषेक शुक्ला सहित जिले के कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम व अन्य अधिकारी व आसपास के गांव के लोग सहित कांग्रेस भाजपा व अन्य उनके चहेते अंतिम दर्शन के लिए उमड़े।

लोगों की आंखें नम हो चली थी। लोग उनके कार्यों को याद कर रहे थे। जब लोगों ने सुना कि उन्हें कुछ हफ़्ते पहले कोरोना हुआ था। कोरोना से स्वस्थ होकर घर आ गए थे। कोरोना से जंग जीतने वाले रविंद्र ने कभी जिंदगी से हार नहीं मानी थी लेकिन अचानक भगवान की मर्जी क्यों बदल गई समझ के परे है और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। कुछ साल पहले उन्हें एक बार और अटैक आ चुका था।

नक्सलियों का भी दे चुके थे मुंहतोड़ जवाब

3 साल पहले ही रविंद्र भेड़िया आई जी के पद से रिटायर हुए थे। उनकी पत्नी अनिला भेड़िया को उस समय कांग्रेस से डौंडीलोहारा में उम्मीदवार बनाया गया था। पहले रविंद्र भेड़िया के ही कांग्रेस ज्वाइन करने व चुनाव लड़ने की चर्चा थी ।लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को सामने लाया और वह चुनाव जीती।

अनिला भेड़िया महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री भी बन गई। छत्तीसगढ़ के कई जिलों के एस पी रहे रविंद्र भेड़िया अपनी ड्यूटी के दौरान नक्सलियों को भी मुंह तोड़ जवाब दे चुके थे। बिलासपुर रायगढ़ सहित अन्य जगहों पर एडिशनल एसपी के रूप में भी रहे। बस्तर पोस्टिंग के दौरान नक्सलियों के खिलाफ उन्होंने कई कार्यवाही की। नारायणपुर एसपी रहने के दौरान उन्होंने नक्सलियों के बारूदी सुरंग विस्फोट कर उनकी गाड़ी उड़ा दी थी। इस दौरान वे खुद भी जख्मी हो गए थे। लंबे समय तक अस्पताल में रहे। स्वस्थ होने के बाद फिर से नक्सली ऑपरेशन में जुटे डटे रहे। अपने सेवाकाल पूरी करते हुए रिटायर्ड हुए और एक समाज सेवक के रूप में भी अपनी पहचान बनाए हुए थे।

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

Related Post

You cannot copy content of this page