शिक्षिका का आरोप: संकुल समन्वयक रखता है बुरी नियत, करता है छेड़खानी, शिकायत पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में, दे रहा केस वापसी की भी धमकी,,,
बालोद। लोहारा ब्लॉक के एक प्राइमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका ने अपने क्षेत्र के संकुल समन्वयक गैंदलाल साहू पर छेड़खानी और अश्लील हरकत किए जाने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत पूर्व में 6 अक्टूबर को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बालोद में की जा चुकी है। लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 23 दिन बीतने के बाद भी संतोषजनक कार्रवाई न होने की स्थिति में शिक्षिका व उनके पति द्वारा संभाग आयुक्त संभाग दुर्ग को भी लिखित शिकायत की गई है। जिसमें शिक्षिका के पति ने बताया है कि पत्नी एक प्राइमरी स्कूल में पदस्थ है। जहां 30 सितंबर और 5 अक्टूबर को उनकी पत्नी के साथ गेंद लाल साहू द्वारा बुरी नियत से गले व कंधे में हाथ रखकर छेड़खानी और अश्लील हरकत की गई । अपनी पहुंच बीईओ डीईओ और जेडी (संभाग आयुक्त) व उच्च कार्यालय में होने की बात कह कर देख लेने की धमकी दिया जाता है। इस संबंध में शिकायत डीईओ को हो चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है। तो वही संबंधित शिक्षक द्वारा केस वापस लेने हेतु भी दबाव बनाया जा रहा है। जिससे शिक्षिका और उनका परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित है। 6 अक्टूबर को मामला प्रकाश में आने के बाद डीईओ द्वारा संबलपुर में पदस्थ संकुल समन्वयक गैंदलाल साहू को पद से मुक्त करते हुए अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला फरदफोड़ में अध्यापन कार्य के लिए अटैच कर दिया है। अब तक उनकी हरकतों के लिए अन्य ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। तो वहीं इस घटना की जांच के लिए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दुधली के प्राचार्य डीएन यादव और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चंदनबिरही की प्राचार्य आर श्री लता को जांच कर्ता नियुक्त कर रिपोर्ट मांगा गया था। शिक्षिका के पति का कहना है कि कहीं संकुल समन्वयक की ऊंची पहुंच के चलते तो कार्रवाई में देरी नहीं हो रही है? क्योंकि वह हम पर केस वापस लेने का दबाव बनाते हुए यही कहता है कि मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, मेरा ऊपर तक पहुंच है।
इधर जांच टीम ने कर दी है जांच पूरी, मामला ज्वाइन डायरेक्टर के पास लटका
इधर डीईओ द्वारा गठित जांच टीम द्वारा जांच पूरी कर ली गई है। संबंधित लोगों से बयान भी ले लिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट और अभिमत जेडी यानी जॉइंट डायरेक्टर के कार्यालय भेज दिया गया है और आगे जेडी कार्यालय के निर्देश पर ही कार्रवाई होनी है। इधर थाने में भी शिकायत की गई है। लेकिन विभाग की जांच रिपोर्ट आने के उपरांत पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही की बात कही गई है। वहीं आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण अधिकारी इस मामले में किसी भी तरह से अपना बयान देने से बच रहे हैं।