बालोद जिले के इस गांव में पति को पत्नी ने इतना पीटा कि हो गई मौत,,, हत्यारण को मिला आजीवन कारावास,,,,
बालोद। शादी के सात फेरे लेकर साथ जीने मरने की कसमें खाने वाले पति पत्नी एक दूसरे के जान के दुश्मन बन जाए तो अंजाम बहुत बुरा होता है। ऐसा ही कुछ हुआ है डौंडी ब्लॉक के ग्राम का कंजेली में जहां एक बीवी ने अपने पति को घरेलू बात पर झगड़ा करते डंडे से इतना पीट दिया कि पति की मौत हो गई। इस मामले में बालोद कोर्ट में पत्नी को अब आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सरोज नंद दास, प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपिया सोन बाई पति स्व. मन्नु राम नेताम, उम्र 45 वर्ष, निवासी कंजेली, थाना- डौण्डी, जिला बालोद (छ.ग.) को भा.द.वि. की धारा 302 के आरोप में आजीवन कारावास व 500/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी चित्रांगद देशमुख, अतिरिक्त लोक अभियोजक के द्वारा किया गया, जिसके अनुसार- दिनांक 01 नवंबर 2021 को जहुर सिंह थाना डौण्डी में इस आशय का रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह ग्राम कजेली, थाना डौण्डी का रहने वाला है. पढ़ा लिखा नहीं हैं, खेती-किसानी व मजदूरी का काम करता है, वे लोग चार भाई हैं। चारों भाई अपने परिवार सहित अलग-अलग रहते हैं। वह दूसरे नम्बर का है। तीसरे नम्बर के भाई का नाम मन्नू नेताम है। दिनांक 01.11.2021 को सुबह 09:00 बजे गांव के सियन बाई नेताम उसके घर आकर बताई कि आपकी बहू सोनबाई नेताम अपने पति मन्नू नेताम को घरेलू झगड़ा विवाद में प्राणघातक हमला कर डण्डा से सिर व हाथ-पैर को मारकर चोंट पहुंचायी है। जो घर के सामने मन्नूराम को घसीटकर बाहर निकालकर रखी है। उक्त सूचना पर वह गांव के रूपचंद नेताम, नारायण नेताम व सियन बाई के साथ मौके पर जाकर देखा तो मन्नू राम अपने घर के सामने बेहोश अवस्था में जमीन में पड़ा था। सिर में चोट का निशान था तथा नीचे जमीन में खून पड़ा था जिसे वह साथ में गये लोगों के साथ अपने छोटे भाई घासीराम के आंगन में लाकर रखे। कुछ देर बार मन्नू की मृत्यु हो गई । मन्नू राम की मृत्यु उसकी पत्नी सोनबाई के द्वारा डण्डे से मारने से हुआ है। आरोपिया के द्वारा धारा सदर का अपराध घटित करना पाये जाने से धारा 302 भा.दं. वि. के तहत् स.उ.नि. आर. के. मण्डलेश द्वारा थाना डौण्डी में अपराध क्रमांक 176/2021 पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना पश्चात् निरीक्षक अनिल ठाकुर द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राजहरा, जिला बालोद (छ.ग.) के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां से मामला माननीय सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में उपार्पित किया गया। जहां विचारण के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर आरोपिया को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।