रिश्ते का जीजा द्वारा नाबालिग पीड़िता को शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार करने पर मिला 20 वर्ष का कारावास
बालोद। किरण कुमार जांगडे, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी संजु यादव पिता शोमा राम यादव, उम्र 28 वर्ष साकिन-जागबहार, थाना-चारामा, जिला कांकेर (छ.ग.) हाल मुकाम वार्ड क 16 कच्चे दफाई राजहरा, थाना- राजहरा, जिला- बालोद (छ.ग.) को भा.द.वि. की धारा 363, आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास, भा.द.वि. की धारा 366 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व भा.द.वि. की धारा 376 व लैंगिक अपराधों के संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के आरोप में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 7,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार पीडिता के द्वारा दिनांक 03.06.2020 को थाना राजहरा में उपस्थित होकर लिखित रिपोर्ट दर्ज करायी, वह अपने भाई-बहन एवं दादा के साथ रहती है, माँ-पापा कमाने खाने के लिये नागपुर में रहते हैं। उसके घर के पास उसके रिश्ते का जीजा आरोपी संजू यादव का ससुराल घर है, जब संजू यादव अपने ससुराल आता-जाता था तब उससे बातचीत करता था और उससे बोलता था कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्ही से शादी करूंगा और तुमको पत्नी बनाकर रखूंगा कहकर उसे चल कहीं मिलना बोलता था और अप्रैल 2019 में उसे गांव के किनारे रेलवे पटरी के पास भर्री में ले जाकर रात्रि में उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया, जिससे वह दिसम्बर 2019 में 6 माह की गर्भवती हो गयी। पीड़िता के उपरोक्त लिखित रिपोर्ट पर अभियुक्त के विरुद्ध अपराध घटित कराना पाये जाने पर थाना राजहरा के उप निरीक्षक सरिता तिवारी द्वारा अपराध क्र० 220 / 2020 अंतर्गत संहिता की धारा 363. 366, 376 (2) (एन) एवं संरक्षण अधिनियम की धारा-4/5 एवं 5/6 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया गया। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध सबुत पाये जाने पर उपरोक्त धारा के अंतर्गत अभियोग पत्र दिनांक 04.08.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक टी. एस. पट्टावी के द्वारा किया गया। न्यायालय का मत है कि बलात्संग के अपराध से स्त्री की सुरक्षा एवं उसकी प्रतिष्ठा धूमिल होने के साथ ही उसके जीवन एवं भविष्य को भी कुंठित एवं प्रभावित करता है। आज के विकसित समाज में आये दिन महिलाओं के प्रति घटित होने वाली बलात्कार की घटना सभ्य समाज के लिए कलंकारी है, जो स्त्री की दैहिक स्वतंत्रता का हनन कर उन्हें व्यक्तिगत एवं सामाजिक रूप से कलंकित करता है। ऐसे गंभीर अपराध में आरोपी किसी प्रकार की सहानुभूति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। प्रकरण में आए साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।