जनपद सदस्य संध्या साहू पहुंची आत्मानंद स्कूल गुरुर, व्यवस्थाओं की खुली पोल
बालोद। गुरुर के आत्मानंद स्कूलों में जनपद सदस्य संध्या अजेंद्र साहू ने आकस्मिक निरीक्षण किया तो कई अव्यवस्था सामने आई। बच्चों ने कई समस्याएं रखी। जिस पर जनपद सदस्य संध्या ने कि हमारे गुरुर ब्लॉक में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित इंग्लिश मीडियम स्कूल स्वामी आत्मानंद के नाम से खुलवाया गया है। विगत 3 वर्ष पूर्व इस स्कूल को प्रारंभ किया गया है। जहां पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कहा जाता है कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं अगर बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य अच्छी पोषण और अच्छी शिक्षा मिले तो अवश्य बच्चों का जीवन उज्जवल होगा। आने वाली हर सरकार का पहला दायित्व होता है कि शिक्षा और स्वास्थ्य में ध्यान आकर्षित कर उन पर कार्य योजना तैयार की जाए और उन पर अमल करें। पर वर्तमान में छत्तीसगढ़ कांग्रेस भूपेश की सरकार ने स्कूल का नाम तो स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल रख दिया पर उसके नाम से ना तो बिल्डिंग बनाया और ना ही शौचालय बनाया।
पुराने बिल्डिंगों में लीपापोती करके करोड़ों रुपए खर्च किए और अपने चहेते ठेकेदारों को गुणवत्ता हीन जीर्णोधार का काम दे दिए। अगर स्कूल खोलने ही थे तो नई स्कूल बिल्डिंग क्यों नहीं बनाई गई? क्या कोई जवाब है इस कांग्रेसी सरकार के पास स्कूल में? आज जब गुरुर ब्लॉक के जनपद सदस्य संध्या अजेंद्र साहू और दिशा समिति के सदस्य सुशीला साहू, जनपद सदस्य चांदनी देवांगन, जनपद सदस्य डीकेश्वरी बंधु ,राजेंद्र साहू महामंत्री केशव बंधु मीडिया प्रभारी ,प्रमोद सिन्हा ,राजेंद्र साहू, रवि साहू, हिरेंद्र साहू ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया तो स्कूली बच्चों से जानकारी प्राप्त हुई कि ना तो हमें शासन प्रशासन की ओर से स्कूल ड्रेस दिया जाता है ,ना बेल्ट ,ना टाई,ना जूता दिया जाता है। मैं बताना चाहूंगी कि कुछ दिन पहले कांग्रेसियों ने ढिंढोरा पीटा था कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कापी बांटा जाएगा। क्या बच्चों को दो कॉपी बांटने के लिए बोला गया था ।गुरुर के स्कूल में ना ही चपरासी की पूर्ण व्यवस्था और ना ही भोजन के लिए थाली की व्यवस्था। ना ही बच्चों के लिए कंप्यूटर की व्यवस्था ना ही बच्चों के खेल खेलने के लिए मैदान की व्यवस्था।
भूपेश जी नाम तो दे दिए और फंड की व्यवस्था नही की। जिसमें की स्कूल शिक्षण संस्थान की कमी को दूर कर व्यवस्थित की जा सके। पहले वर्ष डीएमएफ से 2 लाख दूसरे, वर्ष डीएमएफ से 5 लाख और इस वर्ष डीएमएफ से मात्र 3 लाख की स्वीकृति मिली है। पर स्कूल चालू हो गया लेकिन राशि नहीं मिली है। यह है भूपेश सरकार की स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की हकीकत। संध्या ने कहा जल्द से जल्द स्कूल की व्यवस्था में सुधार की जाए नहीं तो बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय होगा।