11वीं के छात्र योगेश की विलक्षण प्रतिभा: छोटे आकार की मूर्ति को देते हैं आकर्षक रूप, चित्रकारी में भी अच्छी पकड़
गुरूर। गुरूर ब्लाक के ग्राम कनेरी के रहने वाले 11वीं के छात्र योगेश कुमार यादव में चित्रकला, मूर्तिकला को लेकर विलक्षण प्रतिभा है। प्राइमरी स्कूल से उनकी प्रतिभा उभरी है। हालांकि वे मिडिल स्कूल में अपनी प्रतिभा को ज्यादा दिखा नहीं पाए और पढ़ाई में ध्यान देने लगे। लेकिन घर पर रहते ही उन्होंने अपनी कला को जीवित रखा। सावन सोमवारी पर केंद्रित उन्होंने भगवान शंकर की त्रिशुलधारी स्केच और छोटे से शिवलिंग और नंदी बनाई है। जो आकर्षक है। किसी को देखकर या कोई दूसरा चित्र देखकर उसकी हूबहू नकल बनाने में भी उसकी अच्छी पकड़ है। उनके पिता विजय यादव पुरूर में मेडिकल कर्मचारी हैं तो माता भारती यादव गृहणी है। योगेश यादव कहते हैं कि उनमें बचपन से खुद से ही कुछ न कुछ बनाने की जिज्ञासा थी। खुद से अपनी कला की शुरुआत की। जिस चीज को नहीं समझ पाते थे इसके लिए उन्होंने यूट्यूब का सहारा लिया और उससे सीखते गए। धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा में निखार ला रहे हैं। सोशल मीडिया को उन्होंने अपना गुरु बनाया है। एक तरफ जहां लोग सोशल मीडिया पर टाइमपास या मनोरंजन के चलाते हैं। तो योगेश कुछ न कुछ सीखने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं और इसी अपनी जिज्ञासा को उन्होंने सीखने में लगाया। पढ़ाई के साथ-साथ वे कलाकारी के क्षेत्र में उभरते कलाकार है। उनके छोटे भाई समर से भी उन्हे मूर्तिकला की प्रेरणा मिली।