पापा की डांट फटकार के बाद घर से निकल गई थी नाबालिग बेटी, हुई दुष्कर्म की शिकार, बालोद कोर्ट में आरोपी को सुनाई गई 10 साल की सजा
बालोद। किरण कुमार जांगडे, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा: आरोपी सोनू उर्फ सूरज पडोती आप स्व ईश्वर पडोती, उम्र 22 वर्ष साकिन-आरी, थाना- डोंगरगांव, जिला-राजनांदगाव (छ.ग.) को भा.द.वि. की धारा 376 आरोप में दस वर्ष का सश्रम कारावास व 2,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के
अनुसार पीड़िता के पिता द्वारा दिनांक 12.03.2021 को थाना डौण्डीलोहारा आकर रिपोर्ट लिखाया, कि दिनांक 05.03.2021 के 09:30 बजे उसकी नाबालिग लड़की घर से बिना बताये कहीं चली गयी है तथा वह आसपास के लोगों से पूछा तो किसी के द्वारा भी नहीं देखना बताया गया एवं रिश्तेदारों से अपनी लड़की पीड़िता के संबंध में पूछताछ करने पर कोई पता नहीं चला। उसकी नाबालिग लड़की को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपने विधिपूर्ण संरक्षण से अपहरण कर भगा ले जाने की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया। प्रधान आरक्षक नंदकिशोर चंद्राकर के द्वारा पीड़िता के पिता के कहे अनुसार अभियुक्त अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध क्र० 61/2021 अंतर्गत संहिता की धारा 363 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता की मोबाईल लोकेशन के आधार पर दिनांक 14.03.2021 को पीड़िता को आरोपी के कब्जे से जिला राजनांदगांव के ग्राम डुन्डेरा के शीतला मंदिर के पास बरामद किया गया। निरीक्षक पद्मा जगत, महिला सेल प्रभारी बालोद के द्वारा पीड़िता से पूछताछ कर कथन लेने पर बतायी कि मार्च 2021 में आरोपी उसके माता पिता के घर किराये में रहने के लिये आया था, उसके साथ पवन कुमार नाम का लड़का रह रहा था। मार्च 2021 में वह अपने भाई, बहनों के साथ पढ़ाई कर रही थी, तब उसके पिता जी काम में नहीं जाते हो कहकर डांट-डपट कर रहे थे, जिससे नाराज होकर वह अपनी बहन के साथ घर से निकल गयी और रात्रि में ग्राम देवरी के किसी होटल में रूकी हुई थी, दूसरे दिन सुबह पवन कुमार और उसके परिवार वाले जो उसके घर में किराये में रह रहे थे, अपने ग्राम आरी कोनारी जाने के लिए निकले थे, तब वह अपनी बहन के साथ उनके साथ चली गयी थी। ग्राम आरी कोनारी में पवन के घर 2-3 रात रुकने के बाद पवन के माता-पिता उसे पड़ोस में रहने वाले आरोपी संजू से मुलाकात करवाये थे, तब पवन के परिवार वाले उसका विवाह आरोपी के साथ करवा दिये थे, वह आरोपी को अपने नाबालिग होने के बारे में बता दी थी, परन्तु विवाह के बाद उसके द्वारा मना करने के बावजूद भी आरोपी उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया था. वह आरोपी के साथ 1-2 दिन तक रूकी थी, इस दरम्यान आरोपी ने पीडिता के साथ जबरदस्ती लगातार बलात्कार किया। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ अपराध पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध धारा दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के अंतर्गत अभियोग पत्र विचारण न्यायालय में दिनांक 12:04:2021 को प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक चंद्रहास नागे, निरीक्षक पद्मा जगत व निरीक्षक मनीष शर्मा द्वारा किया गया। न्यायालय का मत है कि बलात्संग के अपराध से स्त्री की सुरक्षा एवं उसकी प्रतिष्ठा धूमिल होने के साथ ही उसके जीवन एवं भविष्य को भी कुठित एवं प्रभावित करता है। आज के विकसित समाज में आये दिन महिलाओं के प्रति घटित होने वाली बलात्कार की घटना सभ्य समाज के लिए कलंककारी है, जो स्त्री की दैहिक स्वतंत्रता का हनन कर उन्हें व्यक्तिगत एवं सामाजिक रूप से कलंकित करता है। ऐसे गंभीर अपराध में आरोपी किसी प्रकार की सहानुभूति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।