इस बार दो सावन के साथ होगी आस्था, बालोद जिले में प्रदीप मिश्रा का प्रवचन भी होगा 26 अगस्त से, तारीख में हुआ बदलाव
बालोद| हिंदू धर्म में सावन का बहुत महत्व है. इस बार यह पावन महीना 4 जुलाई से शुरु हो रहा है. मान्यता के अनुसार, इस महीने विधि-विधान से पूजा -पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. बालोद जिले में सावन का महिना और खास होने वाला है क्योंकि यहाँ के ग्राम जुन्गेरा में देश के प्रख्यात कथा वाचक प्रदीप मिश्रा का पांच दिवसीय प्रवचन भी होने जा रहा है पहले उक्त प्रवचन तीन दिनों का था जिसे अब पांच दिन कर दिया गया है नई तिथि के अनुसार अब उक्त आयोजन शिव महापुराण कथा 26 से 30 अगस्त तक होगा. आयोजन की तैयारी में समिति के लोग जुटे हुए हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार, आइए जानते हैं सावन का पहला सोमवार कब है और क्या है इसका महत्व.
कब है सावन का पहला सोमवार
पंचांग के अनुसार, इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा. इस साल सावन 59 दिनों का होगा. पंचांग के अनुसार, 19 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब सावन पर बहुत ही खास संयोग बन रहा है. जिसमें 8 सोमवार को व्रत किए जाएंगे. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा.
सावन के सोमवार पर क्या रहेगा शुभ मुहूर्त
इस बार सावन का पहला सोमवार का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. इस दौरान भगवान भोलेनाथ का व्रत करें. इसके साथ ही शिव का अभिषेक भी करें. ऐसा करने से सभी कष्ट दूर होंगे और आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी.
क्या है सावन के सोमवार की मान्यता
इसको लेकर ये मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं को जरुर करना चाहिए. इस व्रत को करने से सौभाग्यवती का आशिर्वाद मिलता है. ये व्रत अगर कुंवारी कन्याएं रखती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.
सावन में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
- सावन के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें.
- इसके बाद शिव मंदिर या घर में शिवलिंग पर गंगाजल या दूध चढ़ाएं.
- इसके बाद फूल-फल भगवान को समर्पित कर दे
- शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की मान्यता है.
- भोलेनाथ की पूजा कर पवित्र मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें.
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव के नाम पर 108 बार किया जाता है
- इसके बाद भगवान से अपनी मनोकामना के लिए भगवान से प्रार्थना करें.
इस बार सावन का माह 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक चलेगा। यानी पूरे 59 दिन का एक माह होगा। हिन्दू पंचांग अनुसार आषाढ़ माह के बाद श्रावण का मास प्रारंभ होता है। इस माह में शिव पूजा और सावन के सोमवार के व्रत रखने का महत्व है। पंडित रूपेंद्र मिश्रा ने बताया अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 जुलाई को आषाढ़ी पूर्णिमा रहेगी। इसके बाद सावन का महीना प्रारंभ हो जाएगा। यानी 4 जुलाई से सावन मास प्रारंभ होगा। इस बार श्रावण का माह 2 माह तक इसलिए रहेगा क्योंकि इस बार सावन माह में अधिकमास भी रहेगा। 18 जुलाई से अधिकमास प्रारंभ होगा जो 16 अगस्त को समाप्त होगा। अधिकमास के भी दिन जुड़ जाने के कारण इस बार श्रावण मास 59 दिन होगा जिसमें 8 सोमवार रहेंगे। चूंकि कोई सा भी माह कृष्ण पक्ष 1 से प्रारंभ होकर शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर समाप्त होता है ऐसे में अधिक मास के दिन जुड़ जाने से श्रावण मास कृष्ण पक्ष के बाद शुक्ल पक्ष आए और पुन: कृष्ण पक्ष प्रारंभ होकर यह पुन: शुक्ल पक्ष प्रारंभ होकर पूर्णिमा पर समाप्त होगा।