आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़िया नहीं, छत्तीसगढ़ियावादी नेता को भेजेंगे विधानसभा में – अमित बघेल
सनौद में शहीद परिवार, खेल, शिक्षा और छत्तीसगढ़ी साहित्य के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले युवाओं का किया गया सम्मान
गुरूर। सनौद (गुरुर) में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के तत्वावधान में शहीद परिवार, खेल, शिक्षा, छत्तीसगढ़ी साहित्य और लोककला के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले 180 प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इस आयोजन में पहुंचे मुख्य अतिथि सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के नेता और छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ महतारी का सम्मान है। इन्होंने हमारे राज्य का मान-सम्मान बढ़ाया है। इस दौरान श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा-अर्चना की और मातृभूमि की रक्षा के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।
हर चौक-चौराहा, सरकारी भवन हमारे पूर्वजों के नाम पर होना चाहिए
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि देश की आजादी में लड़ते हुए छत्तीसगढ़ के लोगों ने अपने प्राण तक गंवा दिए। लेकिन उन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने कभी सम्मान नहीं दिया। आज युवा पीढ़ी को पता ही नहीं कि उनके गांव से भी कभी कोई ऐसा था जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई थी। भोले-भाले छत्तीसगढ़ियों को परप्रांतीय भ्रमित कर लूट रहे। भाजपा-कांग्रेस में बैठे अन्य प्रान्त के बाहरी नेता हमारे गांव के चौक-चौराहें, गली-मोहल्ले, स्कूल-अस्पताल, नदी-तालाब को अपने बाप-दादा के नाम से नामकरण कर रहे।
छत्तीसगढ़ियों को मूल अधिकार नहीं मिल पाया
अमित बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की मांग के लिए छत्तीसगढ़ के कई नेताओं ने रेल से जेल तक कि लड़ाई लड़ी। छत्तीसगढ़ बन गया लेकिन छत्तीसगढ़ियों को मूल अधिकार अब तक मिल नहीं पाया। यहां हर क्षेत्र में बाहरी तंत्र हावी है। राजनीति में बैठे बाहरी लोग अपने प्रदेश के लोगों को यहां स्थापित करते जा रहे हैं। सरकार के संरक्षण में यहां के संसाधनों का खुलेआम दोहण हो रहा है। यूपी-बिहार के गैंगस्टर, बाहरी तत्व यहां हावी है। हसदेव, तुएगोंदी की बात करो तो सरकार जेल भेज कर डराने की कोशिश करती है।
बाहरी संस्कृति और बाहरी नेताओं का बायकॉट किया जाएगा
कार्यक्रम के दौरान प्रदेशाध्यक्ष श्री बघेल ने कहा कि आने वाले चुनाव में लोकतंत्र के मंदिर में भ्रष्ट नेताओं की जगह माटीवादी, महतारीवादी, छत्तीसगढ़िया वादी नेताओं को चुनकर भेजेंगे। छत्तीसगढ़ में ऐसे नेताओं की जरूरत नहीं जो खुद को छत्तीसगढ़िया हितैषी बता कर पोस्टर तक सीमित रहे। छत्तीसगढ़ियों को कमरछठ की छुट्टी नहीं मिलती, लेकिन छट की छुट्टी दे कर बाहरी संस्कृति को थोपा जाता है। इसलिए बाहरी संस्कृति और बाहरी नेताओं का छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के द्वारा बायकॉट किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष यशवंत वर्मा, प्रदेश महामंत्री भूषण साहू, जिला संयोजक शशिभूषण चंद्राकर, जिला सहसंयोजक चंद्रभान साहू, गोपी साहू, छत्तीसगढ़िया युवा क्रान्ति सेना अध्यक्ष चम्मन साहू तरौदिया, देवेंद्र साहू, सर्व आदिवासी समाज प्रदेश महिला उपाध्यक्ष संतोषी ठाकुर, सर्व आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष यूआर गंगराले, भगवान दास साहू, सुभाष साहू, झम्मन हिरवानी, नरेंद्र साहू, खोमन साहू, ललित कावरे, प्रकाश निषाद, राजू साहू, दानी साहू, ईशा ठाकुर, बादशाह चंद्राकर, जीतू साहू, दीपक सहारे, राहुल दास, कामता साहू, केदार साहू, नमन कोशमा, सूरज सेमरे, हरि साहू, टिकेश्वर कुमार, प्रताप सिंह साहू उपस्थित थे।