बालोद में अब बूढ़ा उद्यान ले रहा नया आकार…. सीएम ने की थी घोषणा, तत्काल मिली थी स्वीकृति, देखिए तस्वीरें 

रेखा साहू, बालोद| बालोद के बूढा तालाब के किनारे एक खास उद्यान तैयार हो रहा, जिसकी खूबसूरती देखते ही बन रही है. काम चल ही रहा है और दूर से ही इसका नजारा लोगों को लुभा रहा है. इसके निर्माण के बाद बालोद में पर्यटन की एक नई तस्वीर देखने को मिलेगी.

नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने डेली बालोद न्यूज़ को बताया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग करते ही इसकी घोषणा उन्होंने कर दी थी. साथ ही  नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने तत्काल स्वीकृत कर दी थी . वह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बुढ़ा उद्यान वॉर्ड 19 बूढ़ा तालाब में आकार ले रहा है. यहां लोगों के लिए खास सुविधा होगी. तस्वीरों में आप इसकी खूबसूरती निहार सकते हैं.

 गार्डन की विरानी कर चुके दूर 


इसके पहले भी नगर के बूढ़ापारा में स्थित तालाब किनारे संचालित गार्डन की वीरानी को हम दूर कर चुके हैं कुछ साल पहले नगर पालिका ने इसका नए सिरे से सौंदर्यीकरण करवाया है. नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने कहा कि जिस तरह हमने नगर के गंगा सागर गार्डन को संवार कर नया रूप दिया है। ठीक उसी तरह अब बूढ़ातालाब के इस गार्डन का भी रूप बदला है । ताकि लोग घूमने आए। यह शहर का सबसे पुराना गार्डन भी है। बगल में गंगा सागर से भी बड़ा करीब 10 एकड़ में बूढ़ा तालाब भी है। जहां आसपास हरियाली भी है। इस वादी के बीच जब लोग गार्डन में घूमने, झूला झूलने के लिए आते हैं तो  उन्हें अलग ही आनंद का अहसास होता है।  अब तालाब के दुसरे हिस्से में आकर्षक उद्यान बन रहा है. जो विशेष प्रोजेक्ट है  

बूढ़ा तालाब का है ऐतिहासिक महत्व

ज्ञात हो कि  बूढ़ातालाब का ऐतिहासिक महत्व है। यहां पहले राज किला हुआ करता था। जिसके अवशेष आज भी देख सकतें हैं। जिस जगह तालाब हैं, वहां कई कुए थे। जिन्हे पाटकर तालाब बना दिया गया। गोंडवाना राजाओं का यहां शासन रहा। तब से इस तालाब का अस्तित्व माना जाता है। गार्डन तो बाद में बना, इसके बगल में पुरातात्विक संग्रहालय है। जहां शहर के अतीत की कई यादें मूर्तियों के रूप में सुरक्षित हैं। 

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