एक ऐसी अंतिम इच्छा: मरूंगा तो मेरे निर्जीव शरीर से बनने वाले खाद को भी पौधों में लगाना,,, पढ़िए पीएम के मन की बात से देश में चर्चा में आए ग्रीन कमांडो की दिल छू लेने वाली कहानी……

माधुरी दीपक यादव, बालोद(छत्तीसगढ़) । 5जून विश्व पर्यावरण दिवस पर हम हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के जरिए चर्चा में आए बालोद जिले के ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह की कहानी बता रहे हैं। जिनके अरमान अनोखे हैं। उनका पूरा जीवन पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित है। ऐसा करते हुए 23 साल बीत चुके हैं। उनकी अंतिम इच्छा भी यही है कि अगर मरते हैं तो उनके निर्जीव शरीर से बनने वाला खाद भी पेड़ पौधों के काम आए। छोटे छोटे प्रयासों के माध्यम से संदेश देते उन्हें आज 23 साल हो गए हैं। चाहे वृक्षारोपण, हो या तालाब सफाई, नुक्कड नाटक, जल संरक्षण,या अपने शरीर पर पेंटिंग्स के माध्यम से लोगो को पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव पैदा करना उनका मुख्य उद्देश्य रहा है। जो वर्तमान में भी जारी है। प्राइवेट कम्पनी में कार्य करते हुए अपने छोटी सी आय का 25% वे पेड़ पौधों और पर्यावरण बचाने में खर्च करते हैं।

पशु पक्षियों के प्यास की भी चिंता

तपती गर्मी के कारण पक्षियों के पानी, दाना, अपने घरों के आंगन, या छतो पर रखने के लिए अब तक 70 मिट्टी के सकोरे भेट किए हैं। जल बिना सब सुना आस पास नल से जल व्यर्थ बहने न दे लोगों को जल की एक एक बूंद बचाने के लिए अपने कपड़े में पैंटिग के माध्यम से संदेश देते हैं। वे कहते हैं स्वयं द्वारा वॉर्ड 17 राजहरा में 300 पौधे करंज के सन 2004 में रोपित किया था। अब पेड़ 19 वर्ष के हो गए ।हर वर्ष बच्चो के साथ उन पेड़ों का जन्म दिन मनाता हूं।

ये पुरस्कार उन्हें मिले

सन 2020 में वॉटर हीरो भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा, सन 2022 में जल प्रहरी भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा, 2023 में पर्यावरण बंधू इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस भारत सरकार द्वारा, सायकल यात्रा पर्यावरण बचाओ सन 2008 रायपुर से कन्याकुमारी से बाघाबार्डर अमृतसर तक सन 2009 में दुर्ग से नेपाल तक की। 2019 इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। 30 फिट लंबा 5 फिट चौड़ा मास्क बनाकर कोरोना काल में लोगो को मास्क का उपयोग के लिए प्रेरित किया। उनका नारा है “मानव और विज्ञान का कहना, पर्यावरण धरती का गहना। सोचो एक पल ना होगा जल तो क्या होगा कल।’

ये अपील है उनकी

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्होंने सभी से निवेदन किया है कि,सभी माता पिता अपनें छोटे छोटे बच्चो को आस पास के हरियाली के बीच, नदी, नालों, और प्राकृतिक जल स्रोत के बीच कुछ पल बिताए। ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव पैदा हो। प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में आने के बाद दूर दर्शन रायपुर, दूरदर्शन दिल्ली, आकाशवाणी रायपुर, आकाशवाणी दिल्ली,से जल संरक्षण के छोटे छोटे प्रयासों का प्रसारण किया जा रहा है। मरने के बाद मुझे दफन कर देना। मिट्टी में खाद बनकर पौधो के लिए पोशक तत्व बनकर हरियाली लाऊंगा।

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