पर्यावरण दिवस विशेष: ये निसंतान बुजुर्ग पेड़ों को संतान मानकर करते हैं सेवा

गुरूर। गुरुर ब्लॉक के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम अरमरीकला का ये बुजुर्ग पुनारद पटेल जिनका उम्र लगभग 70 साल है और दिव्यांग भी है। जो पर्यावरण से खास लगाव रखते हैं। नारद पटेल लगभग 13 से 14 से हरियाली संरक्षण कर रहे। पेड़ पौधों की संतान की तरह सेवा करते हैं। वे कहते हैं पेड़ लगाता हूं तो मेरे मन को शांति मिलती है । जानवरो से बचाने के लिए कटीली झाड़ियो से पेड़ों को सुरक्षित करता हूँ। मै ही सुबह शाम इन वृक्षों पर जल प्रदान करता हूँ। बहुत सारे वृक्ष अब फल देना शुरू हो गया है। अभी भी नया वृक्ष लगाते जा रहा हूँ। घर मे मै और मेरे पत्नी है।

हमारी कोई संतान नहीं है इसलिए इन पेड़ों को बेटा बेटी मानकर देख रेख़ कर सेवा करता हूँ। ग्राम अरमरीकला के देव तालाब, माता तालाब और बांध पर वृक्षारोपण किया हूं। लगभग 600 के आसपास पेड़ पौधे है। जिनकी वे संरक्षण कर रहे। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से उन्हें कोई भी सहायता या सम्मान नही मिला है। वे निस्वार्थ भाव से पर्यावरण बचाने और दूसरों को इस दिशा में जागरूक करने में जुटे हुए हैं।

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