बिना गाइडलाइन के हो रहा पशुओं का पैदल परिवहन, नहीं हो रही ठोस कार्रवाई, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद में आक्रोश, ज्ञापन के बाद भी प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

150 से ज्यादा मवेशियों को ले जाते बजरंग दल के साथियों ने रुकवाया, रसीद के हिसाब से पूछताछ कर छोड़ा

बालोद। मवेशियों की तस्करी की शिकायत बालोद जिले में लगातार मिल रही है। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। निश्चित गाइडलाइन के अभाव के चलते लोग बाहर से आकर जिले से बड़ी संख्या में मवेशियों को पैदल या फिर गाड़ियों में भरकर ले जा रहे हैं। खरीदी का रसीद दिखाकर इस तरह खुलेआम तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है। ताकि किसी को शक ना हो। ऐसा ही कुछ मामला शुक्रवार को बालोद से लगे ग्राम हीरापुर और पांडे पारा के बीच तांदुला नदी क्षेत्र में देखने को मिला। जहां पर खेरथा बाजार क्षेत्र से लगभग 150 नग बैल और बछड़े को पैदल हांकते हुए जामगाँव ले जाया जा रहा था। जिन्हें नदी के पास बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने रुकवाया और पुलिस को मामले की सूचना दी।

पांडे पारा नदी रोड में बजरंग दल बालोद जिला संयोजक उमेश कुमार सेन और विक्की साहू पांडेपारा निवासी द्वारा पूछताछ की गई। पुलिस को भी सूचित किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। जवाब नहीं मिलने पर बजरंगियों ने स्वयं ही पर्ची देखकर उन लोगों को छोड़ा। लगभग 8 लोग पैदल बैलों को हांकते हुए ले जा रहे थे। बजरंग दल के जिला संयोजक उमेश सेन ने कहा कि पूर्व में भी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से मांग पत्र सौंपा गया था और व्यापारियों के लिए गाइडलाइन सहित लाइसेंस आदि की जानकारी की मांग की गई थी। लेकिन अब तक कोई ठोस गाइड लाइन जिले में जारी नहीं हो पाई है। जिसका फायदा मवेशियों के खरीदार उठा रहे हैं। इसकी आड़ में तस्करी को भी अंजाम दे रहे हैं। उचित गाइडलाइन जारी करने की मांग की गई है। ताकि सही व्यापारियों को तकलीफ ना हो और विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल गौ रक्षा टीम को भी भागदौड़ करने की जरूरत ना पड़े।

यह थी मांगे

गौवंश की सुरक्षा एवं गौ-तस्करी पर रोक लगाने हेतु कठोर नियम बनाने एवं गौवंशों की अंतिम संस्कार हेतु “विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल” को भूमि आबंटित किये जाने की मांग थी। साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में गौ-तस्करी अपने चरम सीमा पर है। गौ-तस्करी अधिकतर बालोद जिले के अंतर्गत ग्राम करहीभदर, मुजगहन, ओझागहन, कोसागोंदी, अरमरीकला, बोहारा तथा आस-पास के अन्य ग्रामों के माध्यम से सैकड़ों की संख्या में गौवंश अन्य प्रदेशों में भेजे जा रहे हैं। गौवंश को भारतीय सनातन संस्कृति में “माता” का दर्जा दिया गया है तथा गौवंशों की पूजा जाती है, अन्य दैवीय अनुष्ठानों में भी गौवंश (गाय) को देवता-स्वरुप माना गया है। गौ-तस्करी और गौ-हत्या को रोकने हेतु “विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल” द्वारा पांच सूत्रीय मांग की जा रही है। जो इस तरह हैं।…..


(1) बालोद जिले के गौशाला और गौवंश के अंतिम संस्कार के लिए सरकार 10 एकड़ भूमि “विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल, जिला बालोद (छ.ग.)” को बालोद नगर में या नगर के 05 किलोमीटर आस-पास में आबंटित करें, चूंकि सनातन संस्कृति में गौ वंश को माता का दर्जा दिया गया है और पूज्यनीय है, इसलिए उनके अंतिम संस्कार के लिए उचित व्यवस्था अनिवार्य है।

(2) गौ-तस्करी और अवैध रूप से गौवंश की खरीदी-बिक्री पर रोक के लिए सक्षम प्रशासनिक अधिकारी से लाईसेंस उपलब्ध कराई जाये, खरीदी-बिक्री के लिए प्रशासन द्वारा विशेष पर्ची जारी कराई जाये तथा उच्च स्तर के प्रशासनिक अधिकारी के निगरानी में गौवंश की खरीदी-बिक्री कराई जाये ।

(3) गौ-वंशों का परिवहन शाम 06 बजे से आगामी सुबह 06 बजे तक 12 घंटे के लिए पूर्णरूप से प्रतिबंधित किया जाये तथा अवैधानिक रूप से गौ-तस्करी एवं गौ-वंश के परिवहन को रोकने हेतु स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाये।

(4) बाजार में गौवंश की खरीदी-बिक्री करने वाले व्यापारियों की सूची उपलब्ध कराई जाकर संबंधित समस्त प्रशासनिक / शासकीय कार्यालयों में प्रदर्शित किया जाये। सक्षम प्रशासिक अधिकारी से प्राप्त लाईसेंसधारियों व्यापारी/व्यक्ति ही सक्षम प्रशासनिक अधिकारी के निगरानी में नियमानुसार गौवंश की खरीदी-बिक्री करें। बगैर लाईसेंसधारी व्यापारी/व्यक्ति के द्वारा गौवंश की खरीदी-बिक्री करते पाये जाने पर उनके विरुद्ध त्वरित एवं सक्त कानूनी कार्यवाही की जाये।

(5) गौवंशों को सड़कों पर अवारा छोड़ देने वाले ग्वालों एवं मालिकों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत त्वरित कार्यवाही की जाये तथा अन्य वे सभी कार्यवाहियां सुनिश्चित कराई जाये जो गौवंश की जीवन एवं सुरक्षा एवं गौ-तस्करी को रोकने के लिए उचित व आवश्यक हो। मांग पूरी न होने अथवा मांग पूरी न किये जाने पर “विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल, जिला बालोद (छ.ग.)” उग्र आंदोलन करने अग्रसर होने की बात कही है।

पशु क्रूरता अधिनियम के तहत होनी थी कार्यवाही

वही खेरथा बाजार से पैदल 150 से ज्यादा मवेशियों को हांकते हुए ले जाए जाने पर बजरंग दल के जिला संयोजक उमेश सेन ने कहा कि मामले में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा सकती है थी। क्योंकि पैदल ला रहे थे। ना उन के लिए खाने की व्यवस्था था पानी का व्यवस्था था। लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा मामले में कोई ध्यान नहीं दिया गया। कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। मजबूरी में हमें प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने से संबंधित लोगों की रसीद देखकर ही छोड़ना पड़ा।

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