गली-गली सजे थे मंडप, हुआ गुड्डा गुड्डी का ब्याह, बच्चों में दिखा उत्साह, शादी की रस्मों रिवाजों को जाना
बालोद। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शनिवार को अक्षय तृतिया (अक्ती तिहार) का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया । सुबह से ही ग्रामीण अंचलों में गुड्डे-गुड़िया की शादी रचाई गई। इस दौरान हर गली-मोहल्ले में मंडप सजे। विधिवत विवाह की परंपराएं निभाई गईं और गुड्डे-गुड़ियों की शादी की। विवाह गीत बजते रहे और बच्चों से लेकर बड़ों तक ने उस पर जमकर डांस किया। शादी के बाद गुड़ियों की विदाई की भी रस्म निभाई गई। वहीं किसानों ने ठाकुर देव की पूजा के बाद अपने खेतों में पहुंच कर बीज की बोआई की।
अक्षय तृतीया पर सबसे ज्यादा बच्चों में उत्साह दिखाई दिया। बच्चों को पर्व का महत्व बताने गुड्डे-गुड़ियों की शादी रचाई गई थी। घरों में बच्चों की टोली ने बड़ों के साथ मिलकर मंडप सजाया। फिर विधि-विधान के साथ गुड्डे-गुड़ियों की शादी की। छोटे से नगाड़े के साथ बॉक्स में बज रहे फिल्मी गीत पर झूमते हुए नन्हें-मुन्हें बराती निकले। घरातियों ने भी उनका स्वागत किया। सारा इंतजाम बच्चों की ओर से किया गया था। अक्ती के मौके पर गांव के गली मोहल्लों में विवाह गीत बजते रहे। इससे पहले बच्चों ने गुड्डे-गुड़ियों के ब्याह का निमंत्रण दिया। गुड़िया की शादी में बच्चों ने चूलमाटी से लेकर हल्दी चढ़ाने की रस्म निभाई। एक आम शादी की तरह ही सभी रस्म पूरी की गई। बच्चों का पक्ष गुड्डे और दूसरा पक्ष गुड़िया के साथ रहा।
मंडप तक बरात पहुंचे और विवाह की रस्म पूरी की। बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए परिवारजन और मोहल्ले वासी भी पहुंचे। गुड्डे-गुड़िया को पीले चावल का तिलक लगाते हुए टिकवन भेट किया। फिर मंडप में बच्चों का उत्साहवर्धन करने बड़ों ने टिकावन दिया। शादी देखने आने वाले लोगों के लिए बच्चों ने बकायदा खाने का प्रबंध भी रखा था।