जिसे कहती थी नाना उसी ने लूटी थी इज्जत, कक्षा 6 वी की छात्रा से अनाचार, गर्भवती करने पर मिला आजीवन कारावास
बालोद। बालोद के जज ने डौंडी ब्लॉक के एक गांव में नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भवती होने के मामले में एक ग्रामीण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता ने बयान में बताया है कि आरोपी को वह नाना मानता था। पीड़िता और आरोपी एक ही गांव के हैं। केस में पॉक्सो होने और मामला संवेदनशील होने के कारण हम संबंधित के नाम पते का ज्यादा खुलासा नहीं कर रहे हैं। मुकेश कुमार पात्रे विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी – सबतरू राम पटेल उम्र 50 वर्ष, निवासी एक गांव, थाना डौण्डी, जिला बालोद (छ.ग.) को भा.द.वि. की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 /- रू० अर्थदण्ड, धारा 342 के आरोप में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 /- रू० अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की धारा 376 व संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के आरोप में आजीवन कारावास (जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिये कारावास) व 3,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण देते हुए छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) ने बताया पीड़िता की माता ने दिनांक 20 फरवरी .2020 को आरक्षी केन्द्र डौण्डी में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उसके तीन संतान है, जिसमें पीड़िता उसकी मंझली पुत्री है, जो कक्षा 06 वीं पढ़ रही है, जिसकी उम्र 11 वर्ष है जिसे आज से 6-7 माह पहले गांव का ही रहने वाला अभियुक्त सवतरू राम पटेल के द्वारा उसकी पुत्री पीड़िता को यह जानते हुए कि वह नाबालिग है, जिसे अपने घर खेलने के बहाने बहला-फुसलाकर ले जाता था और बार-बार पीडिता के साथ शारीरिक संबंध बनाया है, जिसके कारण पीड़िता गर्भवती हो गई है। उप निरीक्षक शोभा यादव के द्वारा पीडिता की माता के लिखित आवेदन पत्र तथा उसके बताये अनुसार अभियुक्त सवतरूराम पटेल के खिलाफ अपराध क्र० 39 / 2020 रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टया अपराध धारा 376 (2) (झ) (ढ)) भा.द.व. तथा संरक्षण अधिनियम की धारा 6 घटित करना पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
गर्भवती हो गई तब जांच के बाद पता चला
कोर्ट में दिए गए बयान के अनुसार पहले तो इस बात का अंदाजा नहीं था कि पीड़िता के साथ कुछ गलत हुआ है। जब उसे पेट में दर्द होने लगा और मासिक स्राव रुक गया तो परिजन उसे डॉक्टर के पास चेक कराने ले गए। तब मालूम हुआ कि वह गर्भवती है ।घटना के वक्त आरोपी के दबाव में थी। जिसके कारण उसने कुछ नहीं बताया था। जब गर्भवती होने की पुष्टि हुई तो फिर उन्होंने परिजनों के सामने घटना के बारे में खुलासा किया। फिर पुलिस में शिकायत की गई। इस घटना से पीड़िता को एक बच्चा भी हुआ। जिसका डीएनए टेस्ट कराया गया ।जिसमें आरोपी के जैविक पिता होने की पुष्टि भी हुई। पीड़िता के अनुसार आरोपी को वह नाना कहकर पुकारती थी।