जरा इधर भी देख लो कलेक्टर साहब, 1 साल से मरम्मत की बाट जोह रहा है तांदुला किनारे परसदा का ये पुल, राहगीर गिरकर हो रहे गंभीर रूप से घायल
बालोद। तांदुला डैम से जुड़ा हुआ नहर जो अंग्रेज जमाने का निर्मित हुआ है इसके संरक्षण को लेकर सिंचाई विभाग गंभीर नहीं है।
इसका एक मामला परसदा झलमला मार्ग पर सामने आया है। जहां पर नहर किनारे पुल धसक गई है और इससे आने-जाने में लोगों को परेशानी हो रही है।
मरम्मत के नाम पर 1 साल से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों को सचेत करने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा मिट्टी का ब्रेकर बना कर छोड़ दिया गया है। यह कहा जा रहा है कि इधर से आना जाना मना है। लेकिन अधिकतर लोग इस रास्ते से आना-जाना करते हैं ।खासतौर से दुपहिया और पैदल वाले। पर मरम्मत के अभाव में गड्ढों में लोग गिर रहे हैं। विगत 2 दिन में 2 लोग यहां गिरकर घायल हो चुके हैं। इसमें से एक की हालत गंभीर स्थिति बनी हुई है। आए दिन हादसे होते रहते हैं। नजदीक होने के कारण कई लोग यहां से आना-जाना करते हैं। मरम्मत के अभाव में रास्ता खतरों से भरा हुआ है। वही यह विभागीय उदासीनता को भी दर्शाता है कि 1 साल से यहां अफसर देखते तक नहीं आ रहे है कि यहां कितना बड़ा गड्ढा हुआ है। अगर लोग यहां रात में गिरे तो वहां से निकलना मुश्किल हो जाएगा। विगत दिनों ऐसी घटना हो चुकी है। बमुश्किल लोगों की जान बची है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की अनदेखी की वजह से लोग अपनी जान जोखिम में डालकर रोजाना इस मार्ग से आना जाना कर रहे है । ग्रामीणों ने बताया ग्राम परसोदा से झलमला के बीच में परसोदा पुल से 100 मीटर की दूरी पर चीतावर है जिसका पुल 1 साल से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।कुछ दिन पहले ही ग्राम मटिया निवासी घनाराम विश्वकर्मा पुल से गिर गया था। जिसके सिर के गंभीर चोट आई है। ग्रामीण कौस्तुभ और कामता प्रसाद द्वारा जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गया। ग्राम पंच लोचन साहू व सुरेन्द्र साहू ने बताया कि यह पुल काफी दिनों से गुणवत्ताहीन होने की वजह से भरभराकर गिर गया है। इस मार्ग से रोजाना स्कूली छात्र, व आसपास के सैकड़ों ग्रामीण जिला मुख्यालय आते है पर अभी तक विभाग द्वारा इस पुल को बनाने में कोई सार्थक पहल नहीं की गई है। ग्रामीण डोमेंद्र साहू ने बताया कि कुछ दिन पहले इस पुल से दो लोग और गिरे थे। जिन्हें हाथ पैर में गंभीर चोट आई थी। आए दिन इस खरनाक जगह पर गिर रहे है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आना जाना कर रहे है। बता दे कि पूल के पास दोनों छोर में सिर्फ मिट्टी का 1 फिट ऊंचा ब्रेकर बनाकर खानापूर्ति की गई है ना ही किसी प्रकार का संकेतक बोर्ड लगाया गया है ना ही स्टॉपर। लोगो की सुरक्षा पर सिंचाई विभाग मौन है।