दलालों पर पुलिस का शिकंजा, जमीन खरीदी के नाम पर एक करोड़ 1 लाख 80 हजार की धोखाधड़ी, गुण्डरदेही पुलिस ने 4 लोगों को भेजा जेल
बालोद। जिले में एक बार फिर जमीन धोखाधड़ी का किस्सा सामने आया है। गुंडरदेही पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को रिमांड पर जेल भेजा है।
गुण्डरदेही स्थित जमीन को बजार मुल्य से अधिक राशि मे खरीदने का सौदा कर 1 करोड 01 लाख 80 हजार रूपये की धोखाधडी करने वाले आरोपीयों में हिमांशु सोनकर पिता तुलसीराम सोनकर उम्र 24 साल वार्ड नंबर 05 गुण्डरदेही. युवराज तंबोली पिता अशोक तंबोली उम्र 34 साल वार्ड नंबर 12 गुण्डरदेही,दुर्गेश साहू पिता श्यामलाल साहू उम्र 22 साल रेल्वे कॉलोनी गुण्डरदेही, चन्द्र कुमार सोनकर पिता डलेश्वर सोनकर उम्र 22 साल वार्ड क्रमांक 07 गुण्डरदेही शामिल हैं। सभी ने मिलकर
प्रार्थी यशवंत साहू पिता मिठ्ठू लाल साहू उम्र 52 साल कचांदुर से धोखाधड़ी की थी। जिसने थाना गुण्डरदेही आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया था कि प्रार्थी एवं उसकी मां के नाम की जमीन खसरा नंबर 881/3 रकबा 009 हेक्टेयर अर्जुन्दा चौक गुण्डरदेही की जमीन को आरोपीगण हिमांशु सोनकर, युवराज तंबोली, दुर्गेश साहू, चंन्द्रकुमार सोनकर ने मिलकर 1 करोड 43 लाख रूपये मे सौदा कर बाजार मूल्य 41 लाख 20 हजार रूपये मे रजिस्ट्री करा लिया है एवं रजिस्ट्री के पुर्व आरोपीगण ने मिलकर यह विश्वास दिलाकर की रजिस्टी के तुरंत बाद मौखिक बिक्री की बकाया रकम 1 करोड 1 लाख 80 हजार रूपये को देंगे कहकर रजिस्ट्री कराये थे। जो अभी तक आरोपीगण के द्वारा बकाया रकम को न देकर छलकर धोखाधडी किया है। रिपोर्ट पर धारा 420, 34 भादवि पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
मामले के गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव के मार्गदर्शन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के निर्देशन एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गुण्डरदेही एस.एस. मौर्य के पर्यवेक्षण मे व निरीक्षक राकेश ठाकुर थाना प्रभारी गुण्डरदेही, के नेतृत्व मे अपराध कायमी के तत्काल बाद उक्त आरोपीयान का पता तलाश कर प्रकरण की विवेचना पर से आरोपीयान द्वारा अपराध धारा सदर का घटित करना सबुत पाये जाने से उक्त चारो आरोपीयान को गिरफ्तार कर ज्युडिशियल रिमाण्ड पर भेजा गया है। अपराध कायमी एवं प्रकरण के चारो आरोपीयान को गिर. करने मे थाना गुण्डरदेही से सउनि संजीवन साहू, सउनि लता तिवारी, आर. दमन वर्मा, आर. सुमीत पटेल, आर.पंकज तारम, म.आर. अर्णिका ठाकुर का विशेष योगदान रहा।