चिटौद के स्कूली बच्चों ने निकाली गांव में राष्ट्रीय टीबी एवं कुष्ठ खोज व उन्मूलन जागरूकता रैली
गुरुर। जनजन की शक्ति से,कुष्ठ रोग मिटेगा बस्ती से ! कुष्ठ की जांच कराएं, इलाज कर दूर भगाएं ! पूर्वजन्म का पाप नहीं, कुष्ठ अभिशाप नहीं, सुन्न दाग, चकत्ते का निशान, कुष्ठ रोग की है पहचान !
कुष्ठ रोग को छिपाएं नहीं, इलाज से घबराएँ नहीं ! जन जन का एक ही नारा कुष्ठ मुक्त हो देश हमारा ! इन नारों से ग्राम चिटौद की करीब 1 किलोमीटर गालियां गुंजायमान रहा । यह अवसर था सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम का।
सहायक शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा ने अवगत कराया कि कक्षा पाँचवीं एवं चौथी के 2-2 बालक-बालिकाओं के दल ने अलग-अलग नारों के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेते हुए पूरे विद्यार्थियों के समूह के साथ प्राथमिक विद्यालय से ग्रामपंचायत, आंगनबाड़ी 2, महिला भवन, गाँधी चौक, गोंडवाना चौक, सुभाष चौक, कमलसागर तालाब, बालक चौक व राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से होते हुए अपने गाँव की मजबूत स्वास्थ्य तंत्र हेतु आह्वान किया।
छत्तीसगढ़ राज्य को टीबी एवं कुष्ठ मुक्त बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग बालोद के अंतर्गत विकासखण्ड गुरुर स्वास्थ्य केंद्र खण्ड चिकित्सा अधिकारी जी.आर.रावटे के मार्गदर्शन में उपस्वास्थ्य केंद्र चंदनबिरही अंतर्गत चिटौद में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक नीलकमल सिन्हा एवं सीमा सिन्हा के नेतृत्व एवं मितानिनों विद्या उईके, सरस्वती भांडुलकर की सहभागिता के संग शासकीय प्राथमिक विद्यालय के 172 छात्र-छात्राओं, शिक्षक परिवार से ईश्वरी कुमार सिन्हा, लिकेश्वरी मार्कण्डेय व कविता सिन्हा ने आज गली भ्रमण कर गांव के जनमानस को कुष्ठ रोग के लक्षण व उपाय की जानकारी पहुंचाने का पहल किया | स्वस्थ मष्तिष्क में नवसृजन की परिकल्पना ही इस बहुउद्देश्यीय का मूल आधार रहा है।
अपने स्वास्थ्य के प्रति रहें जागरूक- नीलकमल सिन्हा
चमड़ी पर सुन्न दाग, चकत्ते, तेलिया, तामिया, तंत्रिकाओं में मोटापन, सूजन,
दबाने में दर्द, हाथ पैर में झुनझुनी, सुन्नपन,चेहरों पर भौहों के ऊपर, ठुड्डी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन इत्यादि लक्षणों से कुष्ठ रोग को पहचान किया जा सकता है | उक्त जानकारी देते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (पुरुष) नीलकमल सिन्हा ने बताया कि उपरोक्त्त लक्षणों से युक्त कोई भी संदेहास्पद मरीजों की जांच, परीक्षण, उपचार व परामर्श की सेवाएं स्वास्थ्य विभाग की ओर से निःशुल्क रूप से दी जाती हैं |
टीबी को ना कहें, जीवन को हां कहे….सीमा सिन्हा
गाँव का हर नागरिक स्वस्थ व तंदुरुस्त रहें, इस हेतु शासन-प्रशासन के द्वारा सतत रूप से विविध रोगों की जानकारी ली जाती है। इसी कड़ी में विगत 1 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक के सघन टीबी व कुष्ठ रोग उन्मूलन पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक(महिला) सीमा सिन्हा ने इस दौरान टीबी अर्थात क्षय रोग के लक्षणों जैसे दो हफ्तों से अधिक खांसी, भूख न लगना, छाती में दर्द होना, शाम को बुखार आना, रात में पसीना आना, लगातार वजन घटना, बलगम के साथ खून आने के बारे में अवगत कराया। आवाज उठाओ, टीबी को जड़ से मिटाओ ! टीबी से बचाव करें, अपनो का ख्याल करें ! जैसे नारों के साथ सभी के स्वमेव अपने शरीर के प्रति बारीकी ध्यान रखने की जरूरत को आम लोगों तक पहुंचाने का संदेश दिया गया |
इस दौरान गाँव के विभिन्न चौक चौराहों पर स्थानीय निवासियों, महिलाओं, पुरुषों व युवाओं ने भी इस राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बनकर सहभागिता निभाई |