अव्यवस्था :- अतिक्रमणकारी ने रोका पानी टंकी निर्माण कार्य, अधिकारी भी नहीं सुनते बात वृहद टंकी निर्माण कार्य रुका, आदिवासी महिला सरपंच हलाकान

देवरीबंगला। अतिक्रमण तथा अवैध कब्जा के कारण ग्रामीण व्यवस्था चरमरा गई है। अतिक्रमण करने वालों ने ग्राम विकास समिति तथा पंचायत को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। अधिकारी ग्रामीणो व पंचायत की बात नहीं सुनते है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष टेकराम उर्वसा ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्राम राणाखुजी में वृहद पानी टंकी निर्माण कराया जा रहा है। जिस स्थान पर टंकी निर्माण होना है वह शासकीय भूमि है। इसके बाद भी ग्राम के किसान रामविलास हलबा ने आपत्ति कर काम रुकवा दिया है। रामविलास जी बड़ी जगह पर अतिक्रमण किया है।

पंचायत की नहीं सुनते लोग :-

सरपंच पोषणबाई तारम, पंच
हीरोबाई, हेमलता, ऊषाबाई, फेरुराम,ढालसिह भुआर्य, प्रकाश उर्वशा ने बताया कि ग्राम में कई स्थान पर अतिक्रमण कर अवैध कब्जा हुआ है कुछ लोग ग्राम विकास को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्र की विधायक तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया को भी समस्या से अवगत कराया गया है।

पांच विभाग से मिली है एनओसी :-

पेयजल हेतु वृहद टंकी निर्माण के लिए शासकीय भूमि खसरा नंबर 83 रकबा 225 वर्ग फिट ग्राम राणाखुजी प. ह. न. 13 का ग्राम पंचायत द्वारा चयन किया गया है। इसके लिए लोनिवि, पीएचई,जनपद, ग्राम सभा से अनुमति ली गई है। ग्रामीण चित्रसेन साहू, सुरेश निषाद, रामसहाय भंडारी, ललित तारम, त्रिवेणी बाई ने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ठेकेदार ने टंकी निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ किया था। लेकिन नायब तहसीलदार ने बिना देखे स्टे दे दिया। प्रकरण तीन माह से एसडीएम (राजस्व) के न्यायालय में लंबित है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि स्टैं आदेश रद्द करने तथा कार्य प्रारंभ करने के लिए कलेक्टर, एसपी, एसडीएम तथा तहसीलदार को कई बार ज्ञापन दिया गया है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं की। रमेश चनाप व चुम्मन रावटे ने कहां की राजस्व निरीक्षक अछोली तथा हल्का पटवारी ने पंचनामा में निर्माण स्थल की भूमि को शासकीय भूमि बताया है।

उग्र प्रदर्शन करेंगे :-

ग्राम विकास समिति तथा पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीण पदमा, गोदावरी, अहिल्या, बिहारी तारम, तुलसाबाई, महाबती ने बताया कि राजस्व विभाग समस्या को लगातार नजरअंदाज कर रही है। 1 सप्ताह के अंदर प्रकरण समाप्त कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए अन्यथा उग्र प्रदर्शन किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि अनावेदक के परिवार वाले शिक्षा व पुलिस विभाग में पदस्थ है वे इसकी धमकी देते हैं। इससे भी ग्रामीणों में आक्रोश है।

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