कचांदुर आवासीय स्कूल में अव्यवस्था की शिकायत को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे दिव्यांग, बताया बच्चों के साथ किस तरह से हो रहा है दुर्व्यवहार
बालोद। छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के तहत जिले के दिव्यांग साथियों ने नए कलेक्टर कुलदीप शर्मा से मुलाकात करते हुए अपनी समस्या रखी। इस दौरान खासतौर से गुंडरदेही क्षेत्र के कचांदुर में संचालित दिव्यांगों के आवासीय स्कूल को लेकर भी मुद्दा सामने आया। जिसमें दिव्यांगों ने उक्त स्कूल में बढ़ती जा रही अव्यवस्था को लेकर शिकायत की। खास तौर से अधीक्षक और सहायिका के खिलाफ शिकायतें सामने आई है। जिन पर 8 बिंदुओं में दिव्यांगों ने अपनी बात कलेक्टर के समक्ष रखी। उन शिकायतों को तत्काल कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को शिकायत पर जांच के निर्देश दिए। दिव्यांग साथियों ने शिकायत की है कि सहायिका के रहते हुए बच्चों से कपड़े धुलवाए जा रहे हैं। गलत का विरोध करने वाले शिक्षक को निकालने धमकी दी जाती है। छत्तीसगढ़ विकलांग मंच बच्चों से मिलना चाहते हैं तो उन्हें अभद्रता कर के भगा दिया जाता है। पालकों व ग्रामीणो के साथ भी लड़ाई झगड़ा और बुरा बर्ताव किया जाता है। छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के द्वारा दो बार संबंधित अफसरों को अवगत कराया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिव्यांग शिक्षकों के साथ भी अभद्रता हो रही है। तो ही वहां पढ़ रहे बच्चों को सही तरीके से भोजन भी नहीं मिल रहा है। शिकायत लेकर छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के प्रदेश प्रभारी शिवकुमार साहू, जिला अध्यक्ष हरिराम कोर्राम सहित अन्य पहुंचे हुए थे।
यह मांगे भी रखी दिव्यांगों ने
अपनी अन्य समस्याएं भी कलेक्टर के समक्ष रखी। जिसमें प्रमुख रुप से दिव्यांगों ने मतदान केंद्रों में सर्व सुविधा युक्त रैंप बनाने की मांग की। दिव्यांगों ने बताया कि कई मतदान केंद्रों में निर्मित रैंप चिकनाई युक्त होने के कारण और ढलान सही नही होने से व्हीलचेयर, बैसाखी वालों को मतदान केंद्र आने जाने में दिक्कत होती है। जिसे खुरदुरायुक्त और समतल सपाट बनाया जाए। दिव्यांग व्यक्तियों को भी सरकारी कर्मचारियों की तरह पोस्टल बैलेट पेपर से मतदान करने की सुविधा दी जाए। ताकि ऐसे दिव्यांग जो चलने फिरने में बिल्कुल असमर्थ हैं वह इस तरह से वोट डाल सके।