November 22, 2024

ये कैसा अस्पताल- प्रसव वार्ड में न कूलर न एसी, गर्मी से बेहाल हुई महिला, मृत पैदा हुआ बच्चा, परिजनों ने लगाया डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप, गुरुर का मामला

बालोद। गुरुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्राम दुबचेरा की रहने वाली लिकेश्वरी साहू को पहले बच्चे के प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन मां बनने की खुशी शायद कुदरत को नागवार गुजरी और इस दुनिया में आने से पहले बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही व अस्पताल प्रबंधन पर अव्यवस्था का भी आरोप लगाया है। लिकेश्वरी साहू के पति डिलेश्वर कुमार साहू ने आरोप लगाया है कि सुबह 5 बजे से हम अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराए थे। दोपहर 3 बजे के बाद प्रसव हो पाया है। बार-बार हम डॉक्टरों से यही पूछते रहे कि अगर यहां नहीं हो पा रहा है तो धमतरी या कहीं रिफर करवा दीजिए। अगर यहां सुविधा नहीं है तो ले जाएंगे। लेकिन यही हो जाएगा कहकर आश्वासन देते हुए स्टाफ और डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को भर्ती रखा और अंततः उनके बच्चे की मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा मृत पैदा हुआ था और मौत का कारण गर्भ में गंदा पानी पीना बता रहे हैं। इस पर पति डिलेश्वर साहू का कहना है कि यहां कोई सुविधा नहीं थी। प्रसव वार्ड में एसी कूलर तक की व्यवस्था नहीं है। सिर्फ पंखा चल रहा था। उसमें भी पर्याप्त हवा नही आ रही थी। पत्नी गर्मी व उमस से लथपथ थी। इस तरह की लापरवाही के चलते उसकी स्थिति बहुत बिगड़ गई थी। वह बेहोश हो रही थी। इसके अलावा डॉक्टर हमें गुमराह करते रहे कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी, रेफर करने की जरूरत नहीं है। फिर अंत मे जब प्रसव हुआ तो बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ। बेटा हुआ था लेकिन उसे गोद में ना खिला सके। क्योंकि वह दुनिया में आने से पहले ही यहां से जा चुका था। संतान सुख इस पति पत्नी को नहीं मिल पाया।

पुलिस और प्रशासन से शिकायत, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

मामले में पति डिलेश्वर कुमार साहू ने पुलिस और प्रशासन से संबंधित डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मीडिया के सामने भी कहा कि मेरे साथ जो हुआ है ऐसा किसी और के साथ ना हो इसलिए ऐसे लापरवाही बरतने वाले स्टाफ व डॉक्टरों पर कार्यवाही होनी चाहिए। जिस घर में नए मेहमान की खुशियां मनने वाली थी उस घर में मातम छा गया है। इस घटना से अनजान उनकी पत्नी बेसुध अस्पताल में भर्ती है। पति को डर है कि जब पत्नी को पता चलेगा कि उनका बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ तो उनकी हालत क्या होगी?

लापरवाही के आरोप पर क्या कह रहे डॉक्टर?

वही जब हमने परिजनों के इस लापरवाही के आरोप पर संबंधित डॉक्टरों से बातचीत की तो वे लापरवाही के आरोप से मुकरते नजर आए और कहने लगे कि उनकी पत्नी की स्थिति सामान्य थी। सब कुछ चेकअप करके ही प्रसव करवा रहे थे। पेट में ही गंदा पानी पी लेने के कारण बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ। प्रभारी बीएमओ करुण बमलेश्वर ने कहा कि लगातार प्रसव पीड़िता की मॉनिटरिंग की जा रही थी। सब कुछ नॉर्मल था इसलिए स्टाफ व डॉक्टर कोशिश करते रहे कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी और इसी कोशिश के चलते उन्हें यहां से रेफर नहीं किया गया। प्रसव करवाने वाले डॉक्टर सोनकर ने कहा कि लगातार चेकअप कर रहे थे। स्थिति सामान्य थी इसलिए हमें लगा कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। पहले बच्चे की स्थिति में देर से प्रसव होना स्वाभाविक बात है। इसीलिए हम हड़बड़ी नहीं कर रहे थे। लेकिन बदकिस्मती कहें कि बच्चा मरा पैदा हुआ। पेट में ही उसने गंदा पानी पी लिया था। जब प्रसव हुआ तो उसकी जान जा चुकी थी। पत्नी को हमने बचा लिया।

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