सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल में परीक्षा के दौरान गिरा पंखा, ग्यारहवीं का छात्र घायल, प्रबंधन ने दबाया मामला,,,,

भवन की जर्जर हालत 5 साल से बरकरार, मरम्मत को लेकर विभाग गंभीर नहीं,ना ही सरकार

बालोद। बालोद ब्लाक के ग्राम सांकरा ज स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल में एक बार फिर शासन प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। जहां भवन की छत इतनी कमजोर हो गई है कि कभी भी मलबा गिरते रहता है। ऐसे में यहां अब पंखा गिरना भी आम बात हो चली है। ऐसी ही एक घटना हुई। परीक्षा के दौरान ही जब 11वीं कक्षा का भूगोल विषय की परीक्षा शुक्रवार को सुबह करीब 8:00 बजे शुरू होने वाली थी। बच्चों को उत्तर पुस्तिका बटने ही वाली थी इसी बीच क्लास में ऊपर लटका हुआ पंखा अचानक नीचे छात्र पर गिर गया। जिससे घायल छात्र एवन साहू के आंख से थोड़ा ही ऊपर चोट आई है। जिसे उसे 3 टांके लगे हैं। घटना के बाद कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों ने उन्हें नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। कुछ देर बाद उन्हें छुट्टी दी गई। छात्र ने हिम्मत नही हारी और परीक्षा देने बैठा क्योंकि यह अंतिम पर्चा था। इधर इस घटना की खबर मिलने के बाद पालकों में आक्रोश देखा गया। तो वहीं यह भी चर्चा है कि स्कूल प्रबंधन भी इस घटना को लेकर गंभीर नही है। इसकी रिपोर्ट विभाग स्तर पर भी किसी को नहीं दी गई कि पंखा गिरने से कोई छात्र परीक्षा के दौरान घायल हो गया। इसे मामूली बात कह कर नजरअंदाज कर दिया गया। जबकि कायदे से इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को देनी चाहिए। लेकिन लीपापोती की जा रही है। जब हमें मामले की जानकारी मिली तो हम अस्पताल पहुंचे। जहां दूसरे दिन छात्र को उपचार के लिए दोबारा परिजन अस्पताल लेकर आए थे। छात्र ने कहा कि चोट से सिर में बहुत दर्द बना हुआ है। परीक्षा बमुश्किल दे पाया। गनीमत पंखा सिर के बीचो-बीच नहीं गिरा वरना बड़ा हादसा हो जाता । भगवान का शुक्र है जो उनकी जान बच गई। जिस बेंच पर बैठे थे वहीं पर पंखा गिरा। जब हम स्कूल में जाकर वास्तविकता देखें तो वहां जगह-जगह दरारें और सड़ी हुई रॉड नजर आई। जो इस घटना की प्रमुख वजह है।

भवन की हालत है 5 साल से जर्जर, नहीं देते कोई ध्यान

बता दें कि यह इलाके का सबसे पुराना हायर सेकेंडरी स्कूल है। स्कूल भवन लगभग 20 से 25 साल पहले नया बना है। लेकिन इसकी हालत विगत 5 साल से इतनी जर्जर हो चुकी है कि कई जगह मलबा गिरते रहता है। रॉड जो छत पर डाले हैं वह पूरी तरह से सड़ चुके हैं। दीवारें इस कदर फट गई है कि आर पार नजर आती है। इतना सब होने के बाद भी न तो विभाग ध्यान दे रहा है ना हीं जिला प्रशासन के अफसर। विगत वर्ष से जहां स्वयं कलेक्टर यहां की पढ़ाई व्यवस्था का जायजा लेने भी पहुंचे थे। यहां की दिव्यांग छात्रा रागनी को लैपटॉप और मोबाइल भी गिफ्ट कर आए थे। पर भवन की समस्या आज भी यहां बरकरार है। ग्रामीणों का कहना है कि या तो भवन की समय समय पर मरम्मत होनी चाहिए या फिर से तोड़कर नया ही बनाया जाना चाहिए। बाहर से देखने में तो बहुत मजबूत लगता है। लेकिन इसकी दरकती दीवारें इसके कभी भी ढह जाने का सबूत देती है और ऐसा हुआ भी है। 3 साल पहले भी एक छात्रा के सिर पर इसी तरह पंखा गिर गया था। इस घटना में छात्रा का कान कट गया था। अब दूसरी घटना से यहां पढ़ने वाले बच्चे और शिक्षक भी सहमें हुए हैं कि कब किसके साथ कौन सा हादसा हो जाए। अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना को आखिर शाला प्रबंधन और विभाग के अफसर कितनी गंभीरता से लेते हैं या फिर इसे मामूली घटना मान कर मामले को दबा दिया जाता है।

डीईओ बोले आप के माध्यम से मिल रही जानकारी, मामला गंभीर

जब हमने इस संबंध में डीईओ प्रवास बघेल से जानकारी लेनी चाहिए कि सांकरा ज स्कूल में ऐसी घटना हुई है, आपको रिपोर्ट मिली है या नहीं। तो उन्होंने कहा कि मुझे तो किसी ने बताया ही नहीं है। आप के माध्यम से जानकारी मिली है। मामला गंभीर है। फोटो वगैरह भेजिए, मामले को दिखवाता हूं। हमने उन्हें बताया कि भवन की स्थिति काफी जर्जर है। तो इस पर उन्होंने ध्यान देने की बात कही।

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