नाबालिग को बहला, शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार, 10 वर्ष का कारावास

बालोद। न्यायालय मुकेश कुमार पात्रे, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), बालोद (छ.ग.) द्वारा आरोपी नीलकरण टण्डन उर्फ चिंगु पिता बद्री टण्डन, उम्र 20 वर्ष, निवासी रनचिरई थाना रनचिरई, जिला बालोद (छ.ग.) को भा.द.सं. की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास, भा.दं.सं. की धारा 366 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व भा.दं.सं. की धारा 376 एवं पॉक्सो की धारा 6 के आरोप में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 6,500 /- रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो), छन्नू लाल साहू के अनुसार शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता – पीड़िता की माता है, जो एक गांव में अपने परिवार के साथ निवास करती है, जिसकी नाबालिग पुत्री 14 जून .2019 को शाम के करीब 6:30 बजे घर से बिना बताये कहीं चली गई, किंतु वापस नहीं आयी, जिसे वह आस-पड़ोस एवं रिश्तेदारों के घर पीड़िता की पता तलाश की, किंतु कोई पता नहीं चला, कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर ले गया।. जिसके संबंध में थाना रनचिरई में जाकर पीड़िता के गुम जाने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। मौखिक रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध क. 38 / 2019 अंतर्गत धारा 363 के तहत् प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। 18 जून.2019 को 5 बजे पीड़िता को उसके पिता द्वारा थाना रनचिरई लाने पर उसका बरामदगी पंचनामा गवाहों के समक्ष तैयार किया गया। पीड़िता द्वारा यह कथन किया गया कि नीलकरण उसे धमकी देकर अंकसूची, आधार कार्ड व ए. टी.एम. को लाने कहा था, तब पीड़िता डर के कारण अंकसूची आधार कार्ड व ए.टी.एम. लेकर ग्राम भांठा गई जहां पर अभियुक्त अपने मोटर सायकल से उसे उतई ले गया, जहां पर एक होटल मे एक रात रूके और उसके साथ बलात्कार किया। दूसरे दिन बस में दुर्ग रेल्वे स्टेशन ले गया, जहां पर भी अभियुक्त एक होटल में उसके साथ बलात्कार किया। 16 जून.2019 अभियुक्त उसे दुर्ग से डोंगरगढ ट्रेन से ले गया, जहां किराये से घर लेकर उसे एक दिन एक रात रखा और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था तथा 17 जून 2019 को वापस दुर्ग लाये। फिर 18 जून 2019 को दुर्ग से सेलूद लेकर आया, जहां पर होटल में नाश्ता कर रहे थे तभी अभियुक्त के पिता ने उन लोगों को साथ में देख लिया। उसके बाद अभियुक्त उसे वहां छोड़कर भाग गया। उसके बाद उसे अभियुक्त के पिता थाना रनचिरई लेकर लाये हैं। तत्पश्चात् सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ अपराध पाये जाने पर अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां पर विचारण न्यायालय द्वारा साक्ष्यों के कथनों के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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