प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने मनाई दिव्यता दिवस, मीडिया कर्मियों का हुआ सम्मान, समाज में सकारात्मकता फैलाने की अपील

बालोद। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू राजस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्रदयमोहिनी जी की प्रथम पुण्यतिथि को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्मज्ञान भवन बालोद के प्रांगण में दिव्यता दिवस के रूप में मनाया गया। साथ ही दादी जानकी की द्वितीय पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर संस्था से जुड़े भाई बहन व अतिथि के रूप में बालोद नगर के पत्रकार बंधु उपस्थित रहें। कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात सभी ने दादियों के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।बी.के पूर्णिमा दीदी ने दादी गुलजार के संस्मरण सुनाते हुए कहा दादी आठ साल की उम्र में ज्ञान में आई। शुरूआत के दिनों में ही दिव्य अनुभूति एवं साक्षात्कार होने लगा था। दादी जी का पूरा जीवन सादगी, सरलता और सौम्यता से भरपूर था। बी.के नेहा दीदी ने कहा दादी जानकी जी का जन्म 01 जनवरी 1916 में सिंध हैदराबाद में हुआ था। दुनिया भर में एक मात्र स्थित प्रज्ञयोगी दादी जानकी जी को कहा जाता है। दादी जी के तीन महामंत्र 1 हिम्मते मर्दा मद्द दे खुदा, 2 साफ दिल तो मुराद हासिल, सच्चे दिल पर साहेब राज़ी। दादी जी ने 27 मार्च 2020 को 104 साल की आयु में अपने पुराने शरीर का त्याग किया। हमें अपने जीवन से नम्रता, धैर्यता, सहनशीलता और मधुरता का पाठ पढ़ा के अव्यक्त हो गई। इस अवसर पर संस्था की सह संचालिका ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने दादी ह्रदय मोहिनी जी के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि बचपन से ही दादी जी अंतर्मुखी थे। दादी के दर्शन मात्र से ही हमें परमात्म प्यार की पालना और शक्तियों का प्रवाह हमारे जीवन में संचरण होता था। उन्होंने आगे कहा कि दादी जी प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने पर परमात्मा शिव बाबा के ज्ञान उच्चारण हेतु साकार माध्यम बनी। उन्होंने कहा 1969 से 2021 तक 52 वर्षो तक लाखों मनुष्यात्माओं को परमात्मा शिव बाबा के नजर से निहाल करवाया और ईश्वरीय खजानों से संपन्न बनाया। सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका बी.के विजयलक्ष्मी दीदी ने कहा यज्ञ में आते ही ब्रह्मा बाबा ने दादी जानकी जी को नर्स की सेवा दी और इस सेवा को दादी जी ने बहुत प्यार से और दिल से स्वीकार किया। दादी हमेशा ऐक्यूरेट और अलर्ट रहती थी। उन्होनें 140 देशों में मानवता का दीपक जलाया। दादी जी अपनी गहन योग शक्ति से विदेशों में बसे अलग-अलग भाषा, संस्कृति व सभ्यता के लोगों के जीवन को इस कदर बदल दिया कि उन्हें सम्मान से सभी दादी माॅं कहने लगे। उनके दिव्य कर्म हमें श्रेष्ठ कर्म करने के लिये प्ररित करते हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

पत्रकारों का हुआ सम्मान, सकारात्मक संदेश फैलाने की अपील

इस अवसर पर संस्था के द्वारा नगर के पत्रकारों का शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार हरबंश अरोरा, प्रदीप चोपड़ा, टी एस पिपरिया, जयकरण परिहार, सतीश रजक, उत्तम साहू, हंसराज साहू, विकास साहू, दीपक यादव, किशोर साहू, यू.के. चंद्राकर, करण सोनी, रोशन सार्वा, परस राम साहू, डिलेश्वर देवांगन, मीनू साहू सम्मानित हुए।बी. के. विजयलक्ष्मी संचालिका
ब्रह्माकुमारी बालोद ने समस्त पत्रकारों को सकारात्मक खबर प्रसारित करने अपील की ताकि समान में बदलाव आए। उन्होंने मीडिया की सशक्त व सकारात्मक भूमिका पर जोर दिया।

You cannot copy content of this page