डॉन की तरह जिंदगी जी रहा था मुर्गी दाना मंगवा कर लाखों की ठगी करने वाला धोखेबाज, 2016 से फरार आरोपी को बालोद पुलिस ने हैदराबाद से फिल्मी स्टाइल में किया गिरफ्तार
बालोद। 2016 में बालोद में मुर्गी दाना बेचने वालों से हुई लाखों की ठगी के मामले में अब जाकर बालोद पुलिस ने हैदराबाद से धोखेबाज आरोपी नागभूषण पिता ज्ञानेश्वर को गिरफ्तार किया है। जिसकी तलाश छत्तीसगढ़ के कई जिलों की पुलिस को थी। आरोपी द्वारा मुर्गी दाना खरीद कर दुकानदारों के साथ ठगी की जाती थी। उनके खाते में पैसा डाले बगैर उन्हें बैंक की जमा रसीद की फर्जी कॉपी भेज कर मुर्गी दाना मंगवा ले जाता था। बैंक का सील लगा हुआ पर्ची देखने पर दुकानदार भुगतान होना समझते थे। बाद में मालूम होता था कि उनके खाते में तो पैसा आया ही नहीं है। इसी तरह की धोखाधड़ी के शिकार बालोद के आकाश मुंदड़ा रामदेव ट्रेडर्स भी हुए थे। 2016 से बालोद थाने में धारा 417, 418, 419, 420 का मामला आरोपी के खिलाफ दर्ज था। कुछ दुकानदार तो इनके पास पैसा लेने के लिए विगत वर्ष हैदराबाद तक भी गए थे। वहां भी वे धोखा खाकर आए थे। जिसके बाद पुलिस में शिकायत की गई थी। इस लंबित केस को गंभीरता से जांच करते हुए आरोपी का लोकेशन निकाला गया और बालोद पुलिस की ओर से एक टीम बनाकर हैदराबाद भेजा गया। साथ में दुकानदार को भी पुलिस ले गई। ताकि आरोपी की पहचान की जा सके। आरोपी हैदराबाद में बकायदा डॉन की तरह जिंदगी जीता था। उसके और भी कई साथी हैं, जो इस तरह के कई धोखेबाजी के कार्यों में संलिप्त रहते है। फिल्मी अंदाज में पुलिस ने आरोपी को हैदराबाद से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर जंगल में बने एक फार्महाउस में गिरफ्तार किया। जहां आरोपी अपने अपराधी किस्म के दोस्तों के साथ शराब पीने के लिए बैठा था। पुलिस ने उनकी घेराबंदी कर बंदूक तानी और तत्काल उसे उठाकर गाड़ी में बैठा कर ले जाने के लिए निकले। इस बीच उनके साथियों ने भी पुलिस का लगभग 700 किलोमीटर दूर नागपुर तक पीछा किया। पर 13 घंटे का सफर तय करते हुए बालोद पुलिस कड़ी मशक्कत करते हुए आरोपी को बालोद लाने में सफल हुई। टीम में शामिल प्रधान आरक्षक ब्रह्मानंद कामड़ी ने DailyBalodNews को बताया कि हमें स्थानीय पुलिस का भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया। वहां की पुलिस तो आरोपी को अच्छा व्यवहारिक बता रही थी। कहने लगे कि यह धोखाधड़ी नहीं कर सकता। इसका तो हैदराबाद में अच्छा नाम है। लेकिन हमने उन्हें सबूत दिया कि बालोद सहित अन्य जिलों में किस तरह से ठगी की गई है। जिलों में इसके खिलाफ ठगी के मामले दर्ज हैं ।आरोपी अपराधिक किस्म का भी था। साथ ही उनके साथी भी गिरोह बनाकर इस तरह की ठगी को अंजाम देते थे। काफी मेहनत के बाद आरोपी का लोकेशन मिल पाया और उसे जंगल से ही उठाया गया। रातों-रात सफर तय करते हुए सुबह तक टीम बालोद पहुंची। बालोद में करीब 12 लाख 50 हजार की ठगी हुई है तो वहीं अन्य जिलों में भी इसी तरह से 12 से 15 लाख मिलाकर कई दुकानदारों से लगभग एक करोड़ से ज्यादा की ठगी आरोपी द्वारा की गई है। बालोद पुलिस द्वारा इसकी गिरफ्तारी के बाद अन्य जिलों के दुकानदार भी सामने आ रहे हैं। जो इस आरोपी को मुर्गी दाना सप्लाई किए थे।
आरोपी खुद भी दलाल था और अलग-अलग दुकानदारों से माल मंगा कर दूसरे को बेचता था। आरोपी बकायदा लोगों को झांसे में लेने के लिए बैंक की जमा पर्ची जिसमें बैंक का सील और साइन होता था फर्जी तरीके से तैयार कर दुकानदारों को भेजता था और कहता था कि मैंने तो भुगतान कर दिया है। आप अपना खाता चेक कर लीजिए। बैंक की जमा पर्ची देखकर दुकानदार उसके झांसे में आ जाते थे और फिर उसे माल सप्लाई कर देते थे।
अफसरों ने केस को लिया गंभीरता से
स्थाई वारंट/गिरफ्तारी वारंट विशेष रूप से तामिली करने हेतु पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज ओ. पी. पाल के निर्देशन पर पुलिस अधीक्षक बालोद गोवर्धन ठाकुर के मार्गदर्शन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद प्रज्ञा मेश्राम एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद प्रतीक चतुर्वेदी के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक मनीष शर्मा के नेतृत्व में थाना स्तर पर एक विशेष टीम तैयार किया गया था।
जिसके तारतम्य में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बालोद के द्वारा जारी परिवाद क्रमांक 291/19 धारा 420, 421 भादवि के आरोपी नागभुषण पिता ज्ञानेश्वर जाति बीसी उम्र 37 साल पता प्लॅट नम्बर 14 डब्लू. पी. रोड़ नम्बर 10 मारूती नगर बड़गपेट जिला रंगारेड्डी हैदराबाद के नाम पर जारी गिरफ्तारी वारंट को तामिली हेतु 20 मार्च 22 को थाना बालोद से प्र.आर. ब्रम्हानंद कामड़ी, आरक्षक टुम्मन रावटे, महेश घृतलहरे को जिला रंगारेड्डी हैदराबाद को रवाना किया गया। जो 21 मार्च को पहुंच कर काफी मेहनत कर, आरोपी के सकुनत स्थान पर रेड कार्यवाही कर आरोपी को थाना बालोद लाकर न्यायालय पेश किया गया है। गिरफ्तार वारंट के पतासाजी में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक मनीष शर्मा, प्र. आर. ब्रम्हानंद कामडी, आरक्षक टुमन रावटे महेश घृतलहरे की सराहनीय भूमिका रही है।
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