डौंडीलोहारा के महिला गरबा ग्रुप द्वारा लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि दी गई

बालोद। भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में रविवार सुबह निधन हो गया। देश के सभी राज्यों में दीदी को अलग-अलग तरह से श्रद्धांजलि दी जा रही है। इसके चलते देश व विदेश में लता दीदी के असंख्य प्रशंसक उन्हें अपने-अपने तरीके से विदाई दे रहे हैं। नगर डौंडीलोहारा के महिला गरबा ग्रुप द्वारा भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी सदस्य गणों ने भावभीनी श्रद्धांजलि देकर उनके लिए 2 मिनट का मौन रखा एवं का जीवन परिचय संक्षिप्त रूप से वर्णित किया। माया जयेश ठाकुर ने लता जी को याद करते हुए कहा कि मैं बचपन से ही लता जी के मधुर गीत सुनते आ रही हैं, वे भले ही ब्रह्मलीन हो गई हैं पर वे हमेशा हमारे बीच अपने गीतों के साथ रहेंगे उनका जाना ‘एक युग का अंत’ हैँ उनकी मधुर आवाज ने भारत तथा दुनियाभर में पीढ़ियों तक लोगों के दिलों पर राज किया।हर्षा देवांगन ने संचालन करते हुए कहा की लता मंगेशकर जी एक ऐसी शख्सियत थी जिन्हे खो कर हमने भारत का अनमोल रत्न खोया है उनकी आवाज़ सदैव हमारे बीच उपस्थित रहेगी।ममता गौर ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनका जीवन का ऐसा परिचय हमारे समक्ष प्रस्तुत किया। जिन्हें हम नहीं जानते। उन्होंने बताया कि लता जी की 13 वर्ष की उम्र में ही उनके पिताजी का देहांत हो गया और छोटी सी उम्र में ही उन पर पूरे घर का भोज आ गया। चार बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी लता जी ने पूरे घर का दायित्व निभाया, हम हमेशा ही उनका हंसता मुस्कुराता चेहरा देखते हैं परंतु उसके पीछे कई तरह के दुख को समेटे हुए थी, लता मंगेशकर की मां गुजराती एवं पिता महाराष्ट्रीयन थे इसीलिए नरेंद्र मोदी जी उन्हें अपनी बहन मानते थे और इसी के साथ पूरा ही भारत दीदी बुलाता है
और जब नरेंद्र मोदी जी उनसे मिलने जाया करते थे तो वे उन्हें गुजराती खाना ही बना कर खिलाती थी, लता जी को उनका संगीत उनकी विरासत में मिला था उनका पूरा परिवार क्षेत्र से जुड़ा हुआ था। ऐनुका सार्वा ने श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करते हुए उनके विषय में और नए पहलुओं से अवगत कराते हुए बताया कि लता मंगेशकर जी को भारत रत्न मिला हुआ है हमने शारीरिक रूप से तो इस रत्न को खो दिया है परंतु जो उनकी उपलब्धि है।उनकी पार्श्व गाय की है वहां बच्चों से लेकर बूढ़े तक सबके हृदय में वास करती है, मां सरस्वती के पूजन के बाद ही लता जी का निधन यह बताता है कि संगीत की सरस्वती अपना आखिरी पूजन करके प्रकृति में विलीन होंगे। रंजना राजपूत ने कहा कि वह हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी। सोनम भंसाली और जूली भंसाली जी ने बताया कि लता मंगेशकर जी ने जैन धर्म में भी अपना समर्पण अपने गीत के माध्यम से अर्पित किया है जिसे उन्होंने गुनगुना कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की आरती संचेती,शीतल कुलदीप,ममता साहसी ने उनको उनके गीतों को गुनगुना कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गरबा ग्रुप के सदस्य विद्या गौर, जूली भंसाली , आरती संचेती,माया ठाकुर,हर्षा देवांगन, रंजना राजपूत,ममता गौर,ममता साहसी,शीतल कुलदीप, नीता भंसाली,सोनम भंसाली,रेनू कीरण निषाद,माधुरी निषाद, द्रोपति शिवाने, बिंदु देशमुख एवं संजू रंगारी सभी ने भारत रत्न लता मंगेशकर जी को भारत के लिए अमूल्य क्षति बताया और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

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