कृषि महाविद्यालय, ओवरब्रिज सहित कई जनहित मुद्दों पर बालोद विधायक ने सीएम से की मांग, मंच पर सौंपा ज्ञापन
बालोद। गोड़मर्रा में कार्यक्रम के दौरान बालोद के विधायक संगीता सिन्हा ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग मांग पत्र मुख्यमंत्री को मंच पर ही सौंपा। जिनमें प्रमुख मांगे बालोद में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना, बालोद जिला में डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) की स्थापना, बालोद राजनांदगांव मुख्य मार्ग पर पाररास बालोद में ओवरब्रिज का निर्माण, बालोद विधानसभा क्षेत्र के एकमात्र सिंचाई ग्राम औराभांठा को सिंचाई से राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने, शासकीय हाई स्कूल नेवारीकला को हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन करना, बालोद में लॉ स्नातकोत्तर कॉलेज की स्वीकृति दिलाने, गंगरेल डुबान प्रभावित गांव पोंड, भैसमुंडी, अलोरी, मुसकेरा व ओनाकोना के ग्रामीणों को अन्यत्र स्थापित करने, ग्राम मुल्ले, मुल्लेगुड़ा व हर्राठेमा के किसानों द्वारा उत्पादित धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने एवं अन्य लाभ दिलाने की मांग, नेवारीकला में तांदुला नदी में एनीकट सह रपटा निर्माण की मांग उन्होंने रखी।
अब मांगों के बारे में विस्तार से जानिए
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र-
विधायक की मांग पत्र के अनुसार उन्होंने कहा है कि बालोद जिला कृषि प्रधान जिला है। जिले वासियों के आजीविका एवं रोजगार का मुख्य स्रोत कृषि कार्य है। यहां की 85 प्रतिशत जनसंख्या पूरी तरह कृषि पर निर्भर है। क्योंकि वर्तमान में कृषि क्षेत्र में नई- नई तकनीकी आ रही है. कृषि महाविद्यालय प्रारंभ की जाती है तो छात्र छात्राओं को कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। पड़ोसी जिलों में भी कृषि महाविद्यालय नहीं होने के कारण जिले के छात्र छात्राओं को कृषि कार्य में उच्च शिक्षा के लिए भटकना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कृषि की उन्नत तकनीक सीखने व कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए जिले में कृषि महाविद्यालय अनुसंधान केंद्र प्रारंभ किया जाना छात्र हित व कृषकों के हित में बहुत जरूरी है।
पाररास पर ओवरब्रिज
बालोद राजनांदगांव मार्ग पर पाररास के पास ओवरब्रिज बनना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय को राजनांदगांव से जोड़ने वाली मुख्य मार्ग पर बिलासपुर रेलवे जोन के अंतर्गत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लाइन पाररास से गुजरती है। जिला मुख्यालय होने के कारण यहां पर वाहनों का आवागमन अधिक रहता है। तो साथ ही दल्ली राजहरा लौह नगरी से भिलाई दुर्ग रायपुर के लिए प्रतिदिन 36 बार मालगाड़ी गुजरती है। साथ ही पैसेंजर गाड़ी भी यहां से चलती है। इससे कई बार फाटक बन्द की स्थिति रहती है। वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है और कोई भी वैकल्पिक रास्ता नहीं होने कारण आपातकालीन सेवा में एंबुलेंस भी बाधित हो जाती है। कई बार कर बड़ी घटना भी घट जाती है। प्रत्येक आधा घंटा में रेल गुजरने के कारण क्षेत्र वासी लंबे समय से इस रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज की मांग करते आ रहे हैं। जो की बहुत ही जायज और जरूरी मांग है।
वन व सिंचाई ग्राम का दंश झेल रहे हैं ये गांव
इसी तरह विधायक ने वन ग्राम मुल्ले, मुल्लेगुड़ा, हर्राठेमा व सिंचाई ग्राम औराभांठा के बारे में भी मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से बतलाया है। उन्होंने कहा है कि उक्त गांव के किसान खेती करते हैं। पर वे वन ग्राम हैं और खेती के बदले सिंचाई विभाग को कर भी अदा करते हैं लेकिन उनके द्वारा उत्पादित फसलों को शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं की जाती। इसकी वजह से किसानों को कोचियों को मजबूरी में औने पौने दामों पर उपज बेचनी पड़ती है। इस पर भी उन्होंने कहा कि उन्हें भी समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने की सुविधा दी जाए तो साथ ही औराभांठा को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग भी की। गुरुर क्षेत्र के गंगरेल डुबान प्रभावित गांव के लोगों को भी विस्थापित करने की मांग उन्होंने प्रमुखता से रखी है।