सरस्वती शिशु मंदिर जगन्नाथपुर में हुआ गणित दिवस का आयोजन, बच्चों ने बनाए मॉडल, अतिथियों ने किया प्रोत्साहित
बालोद। ग्राम जगन्नाथपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर संस्थान में महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जन्मदिन को गणित दिवस 22 दिसंबर के रूप में मनाते हुए मॉडल व चार्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
इसमें कक्षा तीसरी से आठवीं तक के बच्चे शामिल हुए और बच्चों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। गणित के प्रति रुझान बढ़ाने व गणित का भय दूर करने के लिए यह कार्यक्रम हुआ। इसके परिणामों की घोषणा जनवरी में होगी। आयोजन के मुख्य अतिथि पत्रकार (संपादक) दीपक यादव थे।
अध्यक्षता शिक्षक तीरथ ठाकुर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षक टीएल राणा, एचआर देशमुख, बीआर ठाकुर व अभिभावक इंद्र कुमार साहू थे। अतिथियों ने सभी मॉडलों का अवलोकन किया व अपनी-अपनी राय दी। मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए दीपक यादव ने बच्चों को महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की जीवनी से परिचय कराते हुए कहा कि महज 12 साल की उम्र में ही रामानुजन ने अपनी योग्यता साबित कर दी थी।
गणित के कई सूत्र उन्होंने दिए। आधुनिक काल के महानतम गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिल नाडु के इरोड जिले में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। रामानुजन को बचपन से ही गणित से खासा लगाव था, वहीं अन्य विषयों में अरूचि की वजह से वे 12वीं में फेल हो गये थे।
प्रेरणा की बात है कि जिस स्कूल से रामानुजन 12वीं में दो बार फेल हुए थे, उसी का नाम आज रामानुजन के नाम पर है। गणित से लगाव होने के कारण रामानुजन ने सिर्फ 12 वर्ष की उम्र में ही त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी। टीबी रोग से ग्रस्त होने के कारण रामानुजन का देहांत बहुत कम (33 वर्ष) की उम्र में 26 अप्रैल 1920 को हो गया था। श्री यादव ने कहा कि बच्चों को गणित से डरने की जरूरत नहीं है।
हमें रामानुजन की जिंदगी व उनके कार्यों से सीख लेनी चाहिए। गणित के सूत्र अगर हम समझ जाए तो हम हर सवाल हल कर सकते हैं और हमारा गणित विषय काफी सरल हो जाता है। बच्चे इस विषय से दूर भागते हैं। पर उन्हें इस विषय से दोस्ती करने की जरूरत है।अध्यक्षता कर रहे शिक्षक तीरथ ठाकुर ने भी बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल की सराहना की।
उन्होंने कहा अपने जीवनकाल में रामानुजन ने दुनिया को 3500 गणितीय सूत्र दिए थे। रामानुजन ने बहुत कम उम्र में ही कई प्रमेय की रचना की थी। भारत सरकार द्वारा उनके कई योगदानों के लिए विभिन्न सम्मानों से नवाजा गया है। इस दौरान प्रमुख रुप से स्कूल के प्राचार्य ताराचंद साहू, शिक्षक रेखलाल देशमुख, धनंजय साहू, लीलाधर साहू, पुरुषोत्तम साहू, कुमारी खेमिन साहू, श्रीमती भावना सुनहरे, भारती देशमुख, रीना देशलहरे, खिलेश्वरी साहू सहित अन्य मौजूद रहे।
इस प्रदर्शनी में गणित मॉडल के 14, चार्ट के 61, विज्ञान मॉडल के 5, विज्ञान चार्ट के 13 प्रदर्शनी लगाई गई थी।