सेल्फी विथ सक्सेस- बच्चों को चुनौतियां देकर पढ़ाने का नवाचार की हायर सेकेंडरी स्कूल सांकरा ज में शुरुआत
बालोद। नवा जतन उपचारात्मक कार्यक्रम के अंतर्गत हायर सेकेंडरी विद्यालय में सेल्फी विथ सक्सेस के अंतर्गत चुनौती देते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का नवाचार किया जा रहा है जिस क्रम में इसकी शुरुआत सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल में भी विवेक धुर्वे (व्याख्याता) ने की। विवेक धुर्वे राज्य स्तरीय नवा जतन कार्यक्रम के बालोद जिला स्तरीय रिसोर्स पर्सन भी हैं जिन्होंने अपने विद्यालय के बच्चों में इसकी पहल की। जिसमे बच्चों को चुनौती देते हुए अच्छे तरीके से कक्षा में प्रस्तुति दिए। विद्यार्थियों के साथ सेल्फी विथ सक्सेस के अंतर्गत फोटो लेकर सभी संकुल ग्रुप, ब्लॉक ग्रुप, जिला स्तरीय ग्रुप,राज्य स्तरीय ग्रुप में डाला गया।कक्षा में वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को व्यवसाय अध्य्यन विषय के अंतर्गत उत्पादक, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, उपभोक्ता के मध्य वस्तुओं का कैसे आदान प्रदान होता है, उन सभी के क्या- क्या कार्य है,व्यापार में सबकी क्या भूमिका रहती है। कच्चे माल के उत्पादन से उपभोक्ताओं माल को पहुँचाने की प्रक्रिया को राज्य शासन की योजना नवा जतन उपचारात्मक कार्यक्रम के अंतर्गत बड़े ही रोचक तरीके से कक्षा में सभी बच्चों के 4 समूह बना कर, जिसमे 1 समूह को उत्पादन कर्ता, दूसरे समूह को थोक विक्रेता, तीसरे समूह को फुटकर विक्रेता व चौथे समूह को उपभोक्ता बना कर इन सभी चीजों को बहुत ही अच्छे तरीके से अभिनय करवाके दिखाया गया। जो कि बहुत ही रोचक व प्रभावपूर्ण तरीके से विषय अध्ययन रहा।
पहले इस्तेमाल करे फिर विश्वास करें-
नवा जतन कार्यक्रम को हायर सेकेंडरी विद्यालय में प्रयोग किया गया। क्योंकि विवेक धुर्वे जिला स्तरीय रिसोर्स पर्सन (नवा जतन) के हैं, इनका कहना है कि स्वयं के विद्यालय में भी इसका उपयोग करके दूसरे शिक्षकों को प्रेरित करने का प्रयास है। सेल्फी विथ सक्सेस सभी स्तर के विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने का कारगर उपाय है। जिससे बच्चों में पढ़ाई की चुनौती के प्रति रुचि जागेगी।
विद्यालय के क्लास रूम को स्वयं के खर्चे से बना डाला आदर्श क्लास रूम
उन्होंने विद्यालय का वातावरण स्वच्छ रहे इसके लिए अपने वाणिज्य संकाय के क्लास रूम को स्वयं के खर्च से एक स्वच्छ साफ सुथरा रूम बना दिया है और दीवार के साथ साथ टेबल बैंच को भी कलरफुल बना दिया। उनका कहना है क्लास रूम जितना साफ ,सुथरा व प्रभावशाली रहेगा, बच्चों को भी पढ़ने में उतना ही मन लगेगा।