बच्चे सहेज रहे सुआ नृत्य की परंपरा, दिवाली से पहले बना उत्साह
चंदन पटेल, गुंडरदेही। आज के दौर में आधुनिकता की चकाचौंध देखने को मिलती है। जहां लोग डीजे के गानों पर थिरकते हैं पर पारंपरिक गीतों से लोग मुंह मोड़ रहे हैं। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो इन परंपराओं को सहेजने में पीछे नहीं है। ऐसे ही इन बच्चों को देखिए जो सुआ नृत्य की परंपरा को सहेज रहे हैं। खुद इस परंपरा को निभा रहे हैं। सुआ नृत्य कर रहे हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।
दीपावली के शुरुआत होते ही गुंडरदेही सहित आसपास गांव में छोटे छोटे बच्चो द्वारा ये नृत्य किया जा रहा है। आगामी दिवाली के शुरुवात होते ही छोटे छोटे बच्चियों व गोंड समाज के महिलाओं द्वारा प्राचीन भारतीय परंपरा की तरह इस वर्ष भी गांव में घूम कर अन्य लोगों के घर जाकर टोकनी में धान दीप और ग्वालीन माता की मूर्ति लेकर सुवा गीत गाकर लोगो को रिझाने व दिवाली के आरम्भ का संदेश दिया जा रहा है। इस वर्ष मंगलवार 2 नवम्बर को धनतेरस, 3 को नकरचौदस, 4 को लक्ष्मी पूजा किया जायेगा।