पीएम आवास आत्महत्या मामला पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट- इस बेटे का था सपना, एक घर हो अपना, टूटा सपना, अधूरे घर में हार चढ़ी तस्वीर सरकार का मुंह चिढ़ा रही,,,,, जिम्मेदार कौन?
दीपक यादव,संपादक (DailyBalodNews) बालोद। गुरुर ब्लाक के ग्राम कोचवाही अमलीपारा के इस युवक शीत कुमार नेताम का सपना था कि उनका भी पक्का मकान हो, उस सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत भी हुई थी उनके पिता के नाम से। पर उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके बाद उनकी मां के नाम से आवास में नॉमिनी जोड़कर योजना को अफसर अमलीजामा पहना रहे थे। पर खाली नाम जोड़ने से कुछ नहीं होता, राशि भी आनी चाहिए। पर एक किस्त के बाद कभी कोई किस्त नहीं मिली और आर्थिक तंगी के चलते 2 साल से अधूरे घर निर्माण को पूरा न कर पाने की कसक के साथ शीत कुमार नेताम ने गुरुवार 21 अक्टूबर 2021 को आत्महत्या कर ली थी। यह घटना सरकारी सिस्टम को झकझोरने वाली है तो वहीं सरकारों को सोचने पर भी मजबूर करती है कि उनकी योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर सही तरीके से हो रहा है या नहीं? पर क्या इससे सरकारें सबक लेंगी? इस घटना के बाद सियासत भी तेज हो गई है तो इस गांव के लोगों की जुबां में ये सवाल भी है कि आखिर लापरवाही किसकी है? जब हम इस घटना को करीब से जानने के लिए अमलीपारा कोचवाही पहुंचे और मृतक शीत कुमार नेताम की मां रुक्मणी व उनके छोटे भाई से मिले तो उनका दर्द बयां करने के लिए हमारे पास शब्द ही नहीं थे। जवान बेटा जिसकी शादी भी नहीं हुई थी, घर बन जाता तो शादी की सोचते। पर गरीबी ऐसी थी कि घर ना बना सके। समय पर सरकार से मदद भी नहीं मिली।
रोती हुई रुकमणी कहती है बेटे को इसी बात की चिंता थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना का क़िस्त नही मिल रहा है, घर कैसे बनाएंगे। 2 साल से गांव में एक व्यक्ति के घर पनाह ले कर रह रहे थे। पर कब तक दूसरे लोग साथ देते। उन लोगों ने भी अब पनाह देने से इनकार कर दिया है। इधर अधूरा मकान है।अब बेघर होने की स्थिति है। पंचायत प्रशासन सहित ग्रामीण उन्हें अब स्कूल में अस्थाई तौर पर बसाने की बात कर रहे हैं। अधूरा मकान जहां छत तक नहीं है दीवारें भी ठीक से खड़ी नहीं हो पाई है, वहां मृतक शीत कुमार नेताम की हार चढ़ी तस्वीर लटकी हुई है। जो सरकार का मुंह चिढ़ाती है। यह विडम्बना ही है कि जिस घर को पूरा निर्माण होते देखने का सपना शीत नेताम का था, उसी अधूरे मकान की दीवार में उसकी तस्वीर सजी है पर मकान पूरा नहीं हो पाया। इस मौत के बाद नेता भी सक्रिय हो गए हैं।भाजपा हो या कांग्रेस हो हर कोई अब मृतक के परिजनों का हाल जानने पहुंच रहे हैं।
जिस युवक के जिंदा रहते दो साल से कोई सुनने वाला नहीं था, वहां इन दिनों नेताओं का फेरा बिन बुलाए लग रहा है। क्योंकि बात अब ऊपर तक जा पहुंची है। मामला आखिर प्रधानमंत्री आवास योजना का जो है। जोकि दोनों ही पार्टी के लिए छत्तीसगढ़ में गले की हड्डी साबित हुई है। भाजपा का आरोप रहता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है जो केंद्र की भाजपा सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं करती और यही वजह है कि पीएम आवास योजना में केंद्र से राशि तो जारी हो गई है लेकिन राज्य उसमें अपना अंशदान देकर जो हितग्राहियों को राशि जारी करती है, उसमें देरी की जाती है। तो वहीं कांग्रेस सरकार का आरोप रहता है कि केंद्र से ही पैसा समय पर नही आता। बालोद जिला ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत आवास की किस्ते बकाया है। अधिकतर परिवार खुद के खर्चे से या कर्ज लेकर मकान बनाए बैठे हैं। पर शीत कुमार की आस मानों टूट गई थी और उसकी इच्छा जिंदगी से रूठ गई।
विधायक ने दिखाई संवेदनशीलता
हालांकि इस घटना के बाद स्थानीय विधायक संगीता भैया राम सिन्हा ने मामले में संवेदनशीलता दिखाई है व इसे गंभीरता से भी लिया है। खुद उस गरीब बेटे का आशियाना पूरा करना चाहते हैं और अपने खर्चे से उनका अधूरा मकान बनवाना चाहती हैं। यह बातें स्वयं विधायक संगीता ने मृतक की मां के पास पहुंच कर उन्हें गले लगा कर कहे। आज से ही काम भी शुरू हो जाएगा। साथ ही उन्होंने आर्थिक सहायता राशि भी दी है। सीएम से भी सहायता राशि दिलाने की बात कही है। मृतक के छोटे भाई को भी कहीं काम दिलवाने की बात हुई है तो इधर दूसरी ओर विधायक को सक्रिय होते देख भाजपाई इस मौत को मुद्दा बनाकर राज्य सरकार को घेरने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। बात धरना प्रदर्शन तक जा पहुंची है। गुरुर में 27 अक्टूबर को धरना देने की तैयारी है। भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार की माने तो बात पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह और धरम लाल कौशिक तक पहुंचाई जा चुकी है।भाजपा के प्रदेश मंत्री राकेश यादव तो मामले में प्रशासन को भी घेर रहे हैं। वे अफसरों पर आरोप लगा रहे है कि इस मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। पर हम इसे दबने नहीं देंगे। आत्महत्या के बाद सबसे पहले DailyBalodNews में खबर प्रकाशन के साथ सियासी हलचल तेज हो गई है। अब देखने वाली बात होगी कि आगे इस मामले में कहां क्या मोड़ आता है?
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