बालोद । चौरेल के गौरैया सक्ति पीठ में अष्टमी का कार्यक्रम हुआ। जहां इस मौके पर भंडारे का भी आयोजन हुआ। जितेंद्र शर्मा, मंदिर का पुजारी ने बताया जब इस मंदिर का निर्माण किया गया तब सिर्फ पुराना शिव मंदिर और शक्ति पीठ ही था।
जिसमें तीनो तरफ सिर्फ दीवार हैं।ऊपर छत भी नहीं था। बांकी सारी पौराणिक मूर्ति जब मंदिर बनाने गड्ढे खोदने से निकला है । 250 के आस पास 10वी 11वी सदी की मूर्तियां हैं । यहां भक्तों की भीड़ उस वक्त लगती है जब माघी पूर्णिमा में मेला लगता है। जो 3 दिनों का मेला होता है।
जो गौरेया मेला से छग में प्रशिद्ध है। गुरुवार को सुबह ग्राम भ्रमण यात्रा ज्योति कलश के साथ निकलेगी।